बोले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह , 10 साल में उत्तराखंड को मिले 1 लाख 86 हजार करोड रुपए ,
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बोले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह , 10 साल में उत्तराखंड को मिले 1 लाख 86 हजार करोड रुपए ,
*रुद्रपुर मे आयोजित उत्तराखंड निवेश उत्सव कार्यक्रम में पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और सीएम पुष्कर सिंह धामी*
*01 लाख करोड़ की ग्राउंडिंग पूरी होने पर मनाया जा रहा उत्सव*
*2023 में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में हुए थे 3.5 लाख करोड़ के निवेश करार*
*बड़ी संख्या में निवेशक और स्थानीय लोग हुए शामिल*
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज रुद्रपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तराखंड सरकार निवेश के क्षेत्र में जिस तरह से एक लाख करोड रुपए की ग्राउंडिंग की है यह उत्तराखंड के लिए मील का पत्थर साबित होगी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज अपने संबोधन में कहा कि पिछले 10 साल में केंद्र सरकार ने उत्तराखंड को 1लाख 86000 करोड रुपए की धनराशि प्रदान की है जिससे सड़क एयरपोर्ट के साथ ढांचा विकास में तेजी आई है उनका कहना है कि 10 साल में जितनी धनराशि केंद्र सरकार ने उत्तराखंड को उपलब्ध कराई है यह कांग्रेस सरकार के दौरान से सवा गुना अधिक है
उनका कहना है कि कांग्रेस पार्टी के शासनकाल के दौरान 2004 से लेकर 2014 तक सिर्फ 53 हजार करोड रुपए दिए गए थे उसके मुकाबले भाजपा सरकार ने उत्तराखंड को 186000 करोड रुपए की धनराशि प्रदान की है अलग-अलग सेक्टर में विकास हो उसको लेकर केंद्र सरकार उत्तराखंड के प्रोजेक्ट पर काम कर रही है जिसमें रेल एयरपोर्ट सड़क के साथ ढांचा विकास की बड़ी परियोजनाएं शामिल है ।
जल विद्युत के साथ सोलर एनर्जी सेक्टर में भी उत्तराखंड बेहतर काम कर सकता है उस दिशा में बड़े प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज अपने संबोधन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आभार जताया है ।
उन्होंने कहा उत्तराखंड केंद्र सरकार के साथ मिलकर लगातार प्रगति की मार्ग पर आगे बढ़ रहा है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड शिक्षा स्वास्थ्य पर्यटन रेल ट्रांसपोर्ट के साथ इंडस्ट्री के कई सेक्टर में बेहतर प्रदर्शन कर रहा है जिसकी वजह से 4.4 फीस्टी बेरोजगारी में कभी आई है उत्तराखंड के युवाओं को देश-विदेश में रोजगार मिल रहा है कौशल विकास में निरंतर युवाओं को लेकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है उनका कहना है कि उत्तराखंड में ग्लोबल सबमिट के दौरान जो MOU हुए थे उसकी जमीन स्तर पर उतरने की कोशिश की जा रही है।