सीएम धामी के मार्गदर्शन में पीटीसीयूएल ने हासिल की बड़ी उपलब्धियां: निर्बाध विद्युत आपूर्ति की दिशा में क्रान्तिकारी कदम
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सीएम धामी के मार्गदर्शन में पीटीसीयूएल ने हासिल की बड़ी उपलब्धियां: निर्बाध विद्युत आपूर्ति की दिशा में क्रान्तिकारी कदम
पीसी ध्यानी बोले: उत्तरकाशी से लेकर काशीपुर तक ट्रांसमिशन नेटवर्क हुआ मजबूत, विश्वसनीयता बढ़ी
देहरादून/उत्तराखंड: उत्तराखंड को निर्बाध और विश्वसनीय विद्युत आपूर्ति प्रदान करने की दिशा में उत्तराखंड पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीटीसीयूएल/PTCUL) ने चालू वर्ष में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। यह जानकारी देते हुए के एमडी पीसी ध्यानी ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट दिशा-निर्देशों पर निगम लगातार काम कर रहा है और राज्य के दुर्गम एवं मैदानी, दोनों ही क्षेत्रों में ट्रांसमिशन नेटवर्क को मजबूत करने में सफलता पाई है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में विद्युत सप्लाई की गुणवत्ता और निरंतरता को सुनिश्चित करने के लिए पीटीसीयूएल ने ‘मिशन मोड’ पर कार्य किया है, जिसके परिणामस्वरूप आसानी से बिजली की सप्लाई हो सके। उन्होंने विशेष रूप से बताया कि निगम ने इस वर्ष वित्तीय और परिचालन दक्षता (ऑपरेशनल एफीशियेंसी) में सुधार करते हुए कई नए सबस्टेशनों और ट्रांसमिशन लाइनों का काम सफलतापूर्वक पूरा किया है।
दूरस्थ क्षेत्रों में ट्रांसमिशन नेटवर्क का विस्तार
बताया कि पीटीसीयूएल ने न केवल मैदानी इलाकों में बल्कि राज्य के पर्वतीय और सीमांत जिलों में भी विद्युत ट्रांसमिशन के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है। जिन क्षेत्रों में ट्रांसमिशन लगातार काम कर रहा है और जहां इस वर्ष उल्लेखनीय प्रगति हुई है, वे शामिल हैं:
- पहाड़ी क्षेत्र: उत्तरकाशी, चमोली, चंपावत, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा। इन जिलों में नई ट्रांसमिशन लाइनें बिछाने और मौजूदा सबस्टेशनों की क्षमता बढ़ाने का कार्य तेजी से किया गया, जिससे सर्दियों और मानसून के दौरान बिजली कटौती की समस्या कम हुई है।
- मैदानी/तराई क्षेत्र: नैनीताल, उधम सिंह नगर, काशीपुर, जशपुर और रामनगर। इन औद्योगिक और सघन आबादी वाले क्षेत्रों में विद्युत की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अति उच्च वोल्टेज (EHV) सबस्टेशनों का विस्तार किया गया है।
इस वर्ष की प्रमुख उपलब्धियां
पीटीसीयूएल ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में परिचालन और संस्थागत उत्कृष्टता के कई मानक स्थापित किए हैं:
- नेटवर्क विस्तार एवं आधुनिकीकरण: कई 132 केवी और 220 केवी ट्रांसमिशन लाइनों का नवीनीकरण और उन्नयन (Renovation and Upgradation) किया गया है, जिससे ट्रांसमिशन हानि (Losses) में कमी आई है।
- मान्यता एवं पुरस्कार: बेहतर वित्तीय प्रदर्शन और संचालन दक्षता के लिए निगम को राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न मंचों पर बेस्ट पावर ट्रांसमिशन कंपनी जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार निगम के पेशेवर दृष्टिकोण और सर्वोत्तम कार्यप्रणाली अपनाने के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- कर्मचारी प्रोत्साहन: बेहतर वित्तीय प्रदर्शन के आधार पर, निगम ने अपने कर्मचारियों को प्रोत्साहन राशि (Incentive) प्रदान की है, जो पीटीसीयूएल की वित्तीय स्थिरता और कर्मचारियों के मनोबल को दर्शाता है।
- तकनीकी नवाचार: निगम ने ट्रांसमिशन लाइनों के निरीक्षण और रखरखाव के लिए ड्रोन-आधारित एरियल पेट्रोलिंग जैसी आधुनिक तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा दिया है, जिससे पहाड़ी क्षेत्रों में लाइनों की निगरानी आसान हुई है।
- क्षमता वृद्धि: राज्य के महत्वपूर्ण सबस्टेशनों, विशेषकर ऊर्जा की अधिक मांग वाले क्षेत्रों में ट्रांसफॉर्मर की क्षमता को बढ़ाया गया है, जिससे ओवरलोडिंग की समस्या दूर हुई है और ग्राहकों को निर्बाध बिजली मिल रही है।
पीसी ध्यानी कहा कि पीटीसीयूएल का लक्ष्य भारत में संचालन दक्षता, सिस्टम विश्वसनीयता मानकों और व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य संचालन में सर्वश्रेष्ठ बिजली ट्रांसमिशन उपयोगिताओं में से एक बनना है, जिसके लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
