GRRIMS&HS में कैडैवरिक ओथ समारोह संपन्न, ‘शरीर दान’ को बताया चिकित्सा शिक्षा का आधार
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GRRIMS&HS में कैडैवरिक ओथ समारोह संपन्न, ‘शरीर दान’ को बताया चिकित्सा शिक्षा का आधार
ब्यूरो रिपोर्ट
देहरादून। श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज (SGRRIMS&HS) के एनाटॉमी विभाग में मंगलवार, 10 दिसंबर 2025 को एमबीबीएस 2025 बैच के नवप्रवेशित छात्र-छात्राओं के लिए ‘कैडैवरिक ओथ’ (शव प्रतिज्ञा) समारोह का आयोजन किया गया। इस भावपूर्ण कार्यक्रम का उद्देश्य भावी डॉक्टरों को शरीर दान के महत्व से परिचित कराना और कैडैवर (मानव शव) को उनके ‘प्रथम शिक्षक’ के रूप में सम्मान देने की भावना विकसित करना था।
शपथ ग्रहण और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ. संजय अग्रवाल (महासचिव, अखिल भारतीय अग्रवाल सोसाइटी), मैडम जसवीर कौर (प्रमुख स्तंभ, गुरसिख एजुकेशन सोसाइटी), श्री इंद्रजीत सिंह (महासचिव, गुरसिख एजुकेशन ट्रस्ट) और श्री राजकिशोर जैन (अध्यक्ष, जैन मिलन) द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन से हुआ।
एनाटॉमी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. हरमीत कौर ने दीप प्रज्वलन कर समारोह की औपचारिक शुरुआत की। इसके पश्चात, सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई और नवप्रवेशित एमबीबीएस छात्र-छात्राओं को कैडैवरिक ओथ दिलाई गई।

वक्ताओं ने किया शरीर दान के महत्व पर ज़ोर
मुख्य अतिथि डॉ. संजय कुमार अग्रवाल ने अपने संबोधन में खुशी व्यक्त की कि मेडिकल कॉलेजों के लिए लोग नियमित रूप से शरीर दान करने हेतु आगे आ रहे हैं।
गुरसिख एजुकेशन ट्रस्ट के महासचिव श्री इंदरजीत सिंह ने प्रेरणादायक जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने और उनकी 20 वर्षीय बेटी ने पहले ही शरीर दान के फॉर्म भर दिए हैं और चिकित्सा शिक्षा की सेवा करने की अपनी इच्छा व्यक्त की है।
राजकिशोर जैन ने छात्र-छात्राओं को उज्जवल भविष्य के लिए आशीर्वाद प्रदान किया।
कैडैवरिक ओथ: कृतज्ञता और नैतिकता की प्रतिज्ञा
विभागाध्यक्ष डॉ. हरमीत कौर ने कैडैवरिक शिक्षा के महत्व पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि “कैडैवर मेडिकल छात्र-छात्राओं का प्रथम शिक्षक होता है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि कैडैवरिक ओथ एक पवित्र प्रतिज्ञा है, जिसमें विद्यार्थी मानव शरीर को विच्छेदित करने से पूर्व दाता के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं और प्राप्त ज्ञान का उपयोग मानवता की सेवा में नैतिक तरीके से करने का संकल्प लेते हैं।
उन्होंने समाज से दान किए गए शरीरों को “पवित्र और महान आत्माएं” बताया। डॉ. हरमीत ने गर्व के साथ बताया कि मात्र चार दिन पूर्व ही संस्थान के संकाय सदस्य डॉ. मनोज के गुप्ता ने अपने पिता का पवित्र शरीर कॉलेज को दान किया है। उन्होंने उपस्थित सभी लोगों से समाज में शरीर दान के प्रति जागरूकता फैलाने की अपील की।
इस अवसर पर डॉ. निधि जैन, डॉ. शशि मुन्जाल, डॉ. एस. अली, डॉ. वंदना तिवारी, डॉ. अनिशा नौटियाल, डॉ. चंचल शर्मा, डॉ. प्रिया अधाया और डॉ. निकिता पोखिया सहित विभाग के अन्य संकाय सदस्य और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
