कर्तव्य पथ पर अंतिम साँस: चमोली पुलिस के जांबाज ‘रॉकी’ को राजकीय सम्मान के साथ नम आँखों से विदाई
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कर्तव्य पथ पर अंतिम साँस: चमोली पुलिस के जांबाज ‘रॉकी’ को राजकीय सम्मान के साथ नम आँखों से विदाई
ब्यूरो रिपोर्ट
देहरादून। जनपद चमोली पुलिस के सबसे विश्वसनीय और बहादुर सदस्य, एक्सप्लोसिव डिटेक्शन डॉग (EDD) “रॉकी” ने आज 11 वर्ष की उम्र में अपनी ड्यूटी पूरी करते हुए अंतिम सांस ली। मल्टी ऑर्गन फेलियर और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से जूझते हुए रॉकी के निधन से पूरे पुलिस विभाग में शोक का माहौल है।
अतुलनीय सेवा का सफर
जर्मन शेफर्ड नस्ल का रॉकी वर्ष 2016 में चमोली पुलिस का अभिन्न अंग बना था। अपनी आठ वर्ष की सेवा के दौरान उसने कई महत्वपूर्ण और संवेदनशील ड्यूटी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
चमोली पुलिस के इस वफादार साथी की तबीयत पिछले कुछ दिनों से गंभीर रूप से खराब थी। चमोली पुलिस विभाग ने अपने इस जांबाज सदस्य के इलाज के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। रॉकी को सबसे पहले पशु चिकित्सालय गौचर और देहरादून में विशेष उपचार दिया गया। हालत बिगड़ने पर उसे विशेषज्ञ इलाज के लिए पंजाब के लुधियाना तक ले जाया गया। हालांकि, तमाम अथक प्रयासों के बावजूद, डॉक्टरी टीम उसे बचा नहीं सकी और उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया।

राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई
आज पुलिस लाईन देहरादून में रॉकी की अंतिम यात्रा आयोजित की गई। इस दौरान सहायक पुलिस अधीक्षक, देहरादून कुश मिश्रा (IPS) सहित अन्य पुलिस अधिकारियों और जवानों ने उसे नम आँखों से शोक सलामी देकर और राजकीय सम्मान के साथ विदा किया।
अपूरणीय क्षति: एसपी चमोली
एसपी चमोली सुरजीत सिंह पँवार ने रॉकी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा, “रॉकी ने 2016 से चमोली पुलिस के लिए अतुलनीय सेवा दी है। वीवीआईपी ड्यूटियाँ, बद्रीनाथ धाम की सुरक्षा, महाकुंभ, अर्द्धकुंभ, कांवड़ यात्रा और विधानसभा सत्र जैसी महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारियाँ उसने बखूबी निभाई थीं। उसका असमय चले जाना पुलिस परिवार के लिए एक अपूरणीय क्षति है।”
चमोली पुलिस का यह वीर योद्धा भले ही आज भौतिक रूप से मौजूद नहीं है, लेकिन उसकी अदम्य सेवा, बहादुरी और वफादारी की कहानी हमेशा याद रखी जाएगी।
