सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के 115 वर्ष: स्वच्छता सेवा से मनाया स्थापना दिवस
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सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के 115 वर्ष: स्वच्छता सेवा से मनाया स्थापना दिवस
देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के प्रसिद्ध गांधी पार्क में ‘सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया’ के स्थापना के 115 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में एक विशेष स्वच्छता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बैंक ने अपने गौरवशाली इतिहास के इस महत्वपूर्ण पड़ाव को केवल उत्सव तक सीमित न रखकर, सामाजिक सरोकारों और ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए मनाया।
नगर आयुक्त की उपस्थिति और सराहना
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में देहरादून की नगर आयुक्त नमामि बंसल मौजूद रहीं। उन्होंने बैंक कर्मियों के साथ मिलकर सफाई अभियान का उत्साह बढ़ाया। नगर आयुक्त ने बैंक के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि सार्वजनिक संस्थानों का इस तरह आगे आना शहर की सफाई व्यवस्था के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने जोर देकर कहा कि स्वच्छता केवल नगर निगम की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह प्रत्येक नागरिक और संस्थान का सामूहिक कर्तव्य है। नमामि बंसल ने अभियान में जुटे बैंक कर्मियों का आभार जताया और आशा व्यक्त की कि अन्य संस्थान भी इस पहल से सीख लेंगे।
जागरूकता और श्रमदान
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के रीजनल मैनेजर प्रमोद आनंद के नेतृत्व में बैंक के दर्जनों अधिकारियों और कर्मचारियों ने गांधी पार्क के विभिन्न कोनों में झाड़ू लगाई और कूड़ा-करकट एकत्रित किया। प्रमोद आनंद ने बताया कि बैंक अपनी 115वीं वर्षगांठ को ‘सेवा और समर्पण’ के रूप में मना रहा है।
अभियान के दौरान बैंक कर्मियों ने पार्क में घूमने आए नागरिकों और पर्यटकों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी न फैलाएं और डस्टबिन का उचित उपयोग करें। रीजनल मैनेजर ने कहा, “हमारा उद्देश्य केवल एक दिन की सफाई करना नहीं है, बल्कि लोगों को स्वच्छता व्यवस्था के प्रति सदैव सजग रहने के लिए प्रेरित करना है।”
सामाजिक सरोकार की मिसाल
गांधी पार्क शहर का एक प्रमुख केंद्र है जहाँ प्रतिदिन हजारों लोग आते हैं। बैंक द्वारा किए गए इस श्रमदान ने न केवल पार्क के वातावरण को स्वच्छ बनाया, बल्कि समाज को यह संदेश भी दिया कि वित्तीय संस्थान भी सामाजिक सुधार में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। बैंक के अधिकारियों ने संकल्प लिया कि वे भविष्य में भी इस तरह के जनहित के कार्यों में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे।
इस कार्यक्रम ने यह सिद्ध किया कि जब संस्थागत संकल्प और प्रशासनिक सहयोग एक साथ मिलते हैं, तो शहर की सुंदरता और स्वास्थ्य में सकारात्मक बदलाव निश्चित है।
