“यूपीसीएल द्वारा विगत 03 वर्षों में विछाई गई लगभग 8,000 कि०मी० से अधिक विद्युत लाइनें
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“यूपीसीएल द्वारा विगत 03 वर्षों में विछाई गई लगभग 8,000 कि०मी० से अधिक विद्युत लाइनें
मुख्यमंत्री, पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व और निरन्तर प्रयासों से पिछले कुछ वर्षों में यूपीसीएल द्वारा विद्युत वितरण क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। प्रदेश के हर गांव, हर घर तक बिजली पहुंचाने के साथ-साथ आम जनता की जीवन शैली में सकारात्मक बदवाल हुये हैं। उत्तराखण्ड के औद्योगिक क्षेत्र के विकास में हो रहे व्यापक बदलाव को और अधिक गति देने हेतु बिजली वितरण क्षेत्र सुदृढ एवं समृद्ध हुआ है।
विगत वर्षों में यूपीसीएल द्वारा एक मजबूत विद्युत वितरण प्रणाली की स्थापना के साथ-साथ परिचालन एवं व्यवसायिक दक्षता में सुधार हेतु अहम कदम उठाये गये हैं। लगातार बढ़ रही मांग की प्रतिपूर्ति करने हेतु यूपीसीएल द्वारा विगत तीन वर्षों में 05 नये 33/11 के०वी० उपसंस्थानों का निर्माण किया गया तथा विद्युत वितरण को और अधिक सुदृढ़ बनाने हेतु प्रदेश भर में विगत तीन वर्षों में 8,000 से अधिक विद्युत लाइनें स्थापित की गई जिनमें लगभग 250 कि०मी० 33 के0वी, 1800 कि0मी0 11 के0वी एवं 6,000 कि०मी० एल०टी० विद्युत लाईनें सम्मिलित हैं। प्रदेश भर में सभी पोषकों पर विद्युत संतुलन बनाये रखने हेतु पिछले तीन वर्षों में लगभग 5,000 वितरण परिवर्तक स्थापित किये गये हैं।
प्रबन्ध निदेशक, यूपीसीएल द्वारा अवगत कराया गया कि यूपीसीएल द्वारा सम्मानित उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता की विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु भारत सरकार व राज्य सरकार की विभिन्न परियोजनाओं के क्रियान्वयन पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है। इन योजनाओं के तहत उत्तराखण्ड के विद्युत वितरण नेटवर्क को और अधिक मजबूत, सुदृढ़ तथा आधुनिक बनाये जाने हेतु निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। वर्तमान में भारत सरकार की आर०डी०एस०एस० योजना के तहत प्रदेश भर में लगभग 16 लाख उपभोक्ताओं के लिये स्मार्ट मीटर की स्थापना तथा एनर्जी एकाउन्टिंग को बेहतर बनाने हेतु 59212 वितरण परिवर्तक एवं 2602 पोषकों पर भी स्मार्ट मीटर लगाये जा रहे हैं जिससे बिजली व्यवस्था की डिजिटलीकरण, ऑटोमेशन और दक्षता में बढ़ोत्तरी होगी और विद्युत हानियों को भी कम किया जा सकेगा।
स्मार्ट मीटर्स की स्थापना की दिशा में आगे बढ़ना न केवल वर्तमान चुनौतियों का समाधान है, बल्कि एक टिकाऊ ऊर्जा भविष्य की ओर कदम है। जैसे-जैसे हम एक स्मार्ट ऊर्जा भविष्य की ओर बढ़ते हैं, ये नवाचार हमारे बिजली उपभोग और प्रबन्धन के तरीकों को फिर से परिभाषित करने के लिये सहायक सिद्ध होगा।