Ayodhya news साहित्य समाज का है दर्पण : डॉक्टर हरिप्रसाद दुबे
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साहित्य समाज का है दर्पण : डॉक्टर हरिप्रसाद दुबे
ब्यूरो रिपोर्ट अयोध्या
कहते हैं कि साहित्य समाज का आईना होता है साहित्य हमेशा समाज को एक नई दिशा देने का बौद्धिक मंच होता है इसी साहित्यिक विचारधारा के ध्वजवाहक के तौर पर डॉक्टर हरिप्रसाद दुबे निरंतर अग्रसर है
उत्तर प्रदेश के गयादेवी नगर रामपुर भगन अयोध्या के रहने वाले डॉक्टर हरिप्रसाद दुबे का जन्म 31 दिसंबर 1962 को हुआ । परीक्षा हाईस्कूल की परीक्षा 1978 में इंटरमीडिएट की 1982 में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की जबकि स्नातक की परीक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी में प्राचीन इतिहास संस्कृत और अंग्रेजी से 1984 में पास की परास्नातक की पढ़ाई डॉक्टर हरिप्रसाद दुबे ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से की।
डॉक्टर हरिप्रसाद दुबे कई विषय पर शोध कर चुके हैं उनका कहना है कि उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के साथ कई उचित शिक्षण संस्थानों में 10 साल तक अध्यापन का कार्य किया इसके बाद लेखन के प्रति उन्होंने कदम बढ़ाया ।
जिसमें केशव राम बलिराम हेडगेवार, माधव राव सदाशिव राव गोवलकर कृष्ण चंद्र गांधी पंडित दीनदयाल उपाध्याय प्रोफेसर राजेंद्र सिंह रज्जू भैया आदि पर अपने शोध पत्र प्रकाशित किया।
सेवा चेतना, सेवा समाज, विद्या भारती, प्रदीपिका ,राष्ट्रधर्म, अयोध्या, संवाद कलाकुंज भारती, विश्व संवाद साहित्य परिक्रमा के अलावा नंदीग्राम नागेश्वरनाथ पर रूपक अनेक प्रकाशित किया।उनका कहना है कि उनकी कई कृतियां ऐसी हैं जो साहित्य के क्षेत्र में आने वाली पीढ़ी को नई दिशा और दशा देने का कार्य करेंगे।
यूनेस्को की दो विश्व सांस्कृतिक धरोहरों बोधगया महाकुंभ में भी रचनाएं प्रकाशित हुई बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति की रचना कुलाधिपति प्रथम महिला लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के साथ कुलगीत का भी अनावरण किया गया ।
प्रथम दीक्षांत समारोह में उपराष्ट्रपति की उपस्थिति में संगीतमय तरीके से गायन किया गया । प्रयाग कुंभ की ओर रामनवमी अयोध्या में आकाशवाणी द्वारा आंखों देखा हाल का भी प्रसारण किया।
अवध विश्वविद्यालय फैजाबाद द्वारा साहित्य पर पीएसडी डी लिट किया। कुंभ में गंगा गीतों का आकाशवाणी से प्रसारण किया गया लगातार साहित्य के क्षेत्र में शोध कर रहे डॉक्टर हरिप्रसाद दुबे का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय अयोध्या के प्रथम व्याख्यान में भी प्रतिभाग किया इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक के साथ राष्ट्रीय पाली पर संवाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय में भी प्रतिभाग किया । धर्मों का महाकुंभ सिंहस्थ 2016 परिसर उज्जैन में भी डॉक्टर हरिप्रसाद ने कई रचनाओं पर प्रकाश डाला .
लोक परंपरा ,झांकी राम कथा संग्रहालय में अयोध्या साहित्य दिवस पर व्याख्यान दिया गया पुनरुत्थान न्याय संगोष्ठी दिल्ली में शोध पत्र पढ़े गए ।
अखिल भारतीय संस्कृत सम्मेलन रांची कालिदास समारोह उज्जैन राज्य संग्रहालय लखनऊ लोक कला संग्रहालय लखनऊ इलाहाबाद विश्वविद्यालय राष्ट्रीय संग्रहालय नई दिल्ली झांसी राजकीय संग्रहालय व्यास समारोह मेरठ इतिहास कांग्रेस बरेली राष्ट्रीय रामायण मेला चित्रकूट आकाशवाणी लखनऊ भारतीय शिक्षा लखनऊ संस्थान में भी कई शोध पर प्रकाश डाला गया।
पुरातात्विक सर्वेक्षण में भी काम किया आपको बता दें कि डॉ हरी प्रसाद दुबे वर्तमान में चेयरमैन सीमा सेवा शिक्षा अनौपचारिक शिक्षा केंद्र सरस्वती शिशु मंदिर पक्की बाग गोरखपुर में कार्यरत हैं।डॉ हरिप्रसाद दुबे पूर्व प्रांत प्रमुख विद्या भारती प्रांत प्रमुखन्यास अवध प्रांत प्रमुख विद्युत परिषद भारतीय शिक्षा समिति उत्तर प्रदेश में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं ।
डॉ प्रसाद दुबे को बिहार विश्वविद्यालय द्वारा पुरस्कार प्रदान किया गया उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रहे राम नाईक और पश्चिमी बंगाल के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी द्वारा 30 मार्च 2018 को लखनऊ ऐतिहासिक कवि साहित्य रत्न से विभूषित किया गया।
श्रीरामचरितमानस विद्यापीठ रायसेन मध्य प्रदेश द्वारा मानस विद्यापीठ वाचस्पति की मानद उपाधि प्रदान की गई छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने भिलाई में सारस्वत सम्मान हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयाग का साहित्य भूषण अलंकार के साथ अनेक सम्मान से सम्मानित किया गया।भारतीय साहित्यकार आचार्य नरेंद्र देव जीवन दर्शन साहित्य की लोक यात्रा विद्या ग्रंथ की रचना की।
तुलसी साधना चौमासा तुलसी मानस भारती मॉरीशस की पंकज साहित्य भारती देवपुत्र बालवाड़ी हिंदुस्तानी बालहंस आजकल नवनीत राष्ट्रभाषा संदेश हरसिंगार कंचनलता रांची एक्सप्रेस तुलसी प्रभा लोकवार्ता नवनीत दैनिक जागरण श्री ब्रह्म प्रखर नवभारत टाइम्स आदि जैसे पत्र-पत्रिकाओं में भी प्रकाशित हुई है । इस तरह से 150 से अधिक रचनाएं प्रकाशित हुई है डॉक्टर हरिप्रसाद दुबे साहित्य सेवा के पथ पर लगातार अग्रसर है।