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डॉ अंजू लता श्रीवास्तव को थाई भारत गौरव सम्मान से किया गया सम्मानित बधाई देने वालों का लगा तांता

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डॉ अंजू लता श्रीवास्तव को थाई भारत गौरव सम्मान से किया गया सम्मानित, बधाई देने वालों का लगा तांता

ब्यूरो रिपोर्ट

कहते हैं कि प्रतिभा किसी भी हालात का मोहताज नहीं होती जिस इंसान में कुछ कर गुजरने का जुनून होता है उसके लिए परिस्थितियां कैसी भी हो ,कोई मायने नहीं रखती,इस बात को चरितार्थ किया है डॉ अंजू लता श्रीवास्तव ने।

राजधानी देहरादून के कन्या गुरुकुल  विद्यालय में  प्राचीन इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग में कार्यरत है । अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में उन्होंने हिस्सा लिया थाईलैंड में डॉ अंजू लता श्रीवास्तव को थाई भारत गौरव सम्मान से नवाजा गया।

डॉ अंजू लता श्रीवास्तव का कहना है कि उन्होंने भारतीय संस्कृति पर थाईलैंड का प्रभाव शोध पत्र प्रस्तुत  कियाहै ।

किस तरह से भारतीय सभ्यता और संस्कृति की धरोहर सुदूर थाईलैंड के देश पर पड़ी है उनका कहना है कि आज भी थाईलैंड में कई ऐसी प्राचीन संस्कृति सभ्यता देखने को मिलेगी जिसका मूल भारत से हैं उनका कहना है कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वह कई शोध पत्र प्रस्तुत कर चुकी है ।

जिसमें उन्होंने भारतीय सभ्यता संस्कृति के बारे  में महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है । डॉ अंजू लता श्रीवास्तव को थाई भारत गौरव सम्मान मिलने पर अन्य शिक्षकों में भी खुशी की लहर देखी जा रही है।

छात्र-छात्राओं ने भी उन्हें बधाई दी है उनका कहना है कि भारतीय संस्कृति का जो मूल है, वह वसुधैव कुटुंबकम में बसता है इसकी झलक भारत के अलग-अलग सभ्यताओं में भी देखने को मिली है ।

उनका कहना है कि प्राचीन भारत और हमारा इतिहास बहुत ही गौरवशाली रहा है खास तौर से संस्कृति और परंपराओं को लेकर बहुत कुछ देखने को मिला है आज भी ऐसी सभ्यता और संस्कृति कई स्थानों पर जीवंत रूप में देखने को मिल रही है।

जिस तरह से आज डॉक्टर लता श्रीवास्तव ने कई शोध पत्र प्रस्तुत किए हैं  भारतीय इतिहास के गौरवशाली क्षण के बारे में सटीक जानकारी पाने का मौका मिलता है आपको बता दें कि डॉ अंजू लता श्रीवास्तव के पति अशोक कुमार श्रीवास्तव डीएवी पीजी कॉलेज में प्रोफेसर के पद पर तैनात है।

 

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