अल्मोड़ा महिलाओं ने बनाया बांध, सवालों के घेरे में अधिकारी
1 min readअल्मोड़ा महिलाओं ने बनाया बांध, सवालों के घेरे में अधिकारी
रिपोर्ट ललित बिष्ट
अल्मोड़ा
पहाड़ की महिला शक्ति ने एक बार फिर शासन प्रशासन को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि अगर मजबूत इरादे और कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कुछ भी असंभव नहीं।
दरअसल अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया विकासखंड के लोग पिछले कई वर्षो से अपनी फसलों की सिंचाई के लिए एक तटबंध और टूटी हुई सिंचाई नहर को दुरुस्त करने की मांग उठा रहे है।
लेकिन हर बार उन्हें मायूसी ही देखने को मिलती है। पिछले साल की तरह इस साल भी महिलाओं ने अपनी फसलों की सिंचाई के लिए खुद रामगंगा नदी में उतरने का फैसला लिया।
ये मामला है चौखुटिया ब्लॉक के प्रेमपुरी गांव से बोरागांव को जाने वाली लगभग 4 किमी नहर से सिंचाई के लिए तटबंध की व्यवस्था ना होने की वजह से लोगों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा था।
इसलिए गांव की महिलाओं द्वारा ही रामगंगा नदी पर मिट्टी,पत्थर, झाड़ियां, और तिरपाल जैसी अन्य कई अन्य घरेलू वस्तुओं से एक वैकल्पिक व्यवस्था के तहत रामगंगा नदी पर तटबंध बनाकर अपने खेतों को सिंचाई के लिए पानी पहुंचाया गया।
उनका कहना है कि
लोगों की मांगों के अनुरूप रामगंगा नदी से सिंचाई हेतु पानी की मांग करने पर विभाग के अधिकारी कभी बजट का रोना रोने लगते है तो कभी कोई और बहानेबाजी करते है।महिलाओं की यह मेहनत इस साल फिर रंग लाई है।
जिस तरह से महिलाओं ने वैकल्पिक सिंचाई की व्यवस्था की है या प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान है प्रदेश सरकार लगातार ग्रामीण क्षेत्र के उत्थान और विकास की बात करती है मगर बजट का रोना रोने वाले अधिकारियों के लिए भी यह किसी सबक से काम नहीं है।
ऐसे में देखना काफी वाजिब होगा की आने वाले दिनों में अधिकारी कितनी शिद्दत के साथ निर्माण कार्य पूरा करते है ।