शिरडी साँई श्रद्धा धाम तिलक रोड देहरादून पर हर वर्ष की भाति करवा चौथ का कार्यक्रम बड़ी धूम धाम से मनाया गया
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शिरडी साँई श्रद्धा धाम तिलक रोड देहरादून पर हर वर्ष की भाति करवा चौथ का कार्यक्रम बड़ी धूम धाम से मनाया गया
ब्यूरो रिपोर्ट
कार्यक्रम में डाँस ,मेहंदी प्रतियोगिता व करवा चौथ क्वीन का आयोजन किया गया । जिसमे निम्न श्रेणी अनुसार निम्न महिलाएँ विजयी घोषित की गई ।
– [ ] 25 से 35 वर्ष की आयु की क्वीन –
1st – अंचल बंसल
2nd – ऐश्वर्या बंसल
3rd – अंशिका शर्मा
– [ ] 35 से 45 वर्ष की आयु की क्वीन-
1st – अर्चना सिंहल
2nd – मुक्ता जैन
3rd – आरती गुलाटी
– [ ] 45 वर्ष से अधिक की आयु की क्वीन-
1st – तृप्ति मित्तल
2nd – आशा सक्सेना
3rd – ममता गुप्ता
मेहंदी प्रतियोगिता में निम्न महिलाएँ विजय रही
1st – श्रीमती अनुजा तिवारी
2nd – श्रीमती अर्चना सिंहल
3rd – श्रीमती नूतन शर्मा
डाँस प्रतियोगिता में निम्न महिलाएँ विजय रही
1st श्रीमती ज्योति तनेज़ा
2nd श्रीमती नीतू बंसल
3rd श्रीमती सोनिया गोयल
4th श्रीमती शील मंगल
निर्णायक मंडल में निम्न सम्मानित महिलाएँ थी
1. श्रीमती वीना सिंह
2. श्रीमती डेज़ी मित्तल
3. श्रीमती अन्नू गोयल
4. श्रीमती वीना बंसल
1. कार्यक्रम की संयोजिका व ट्रस्टी श्रीमती सुमन नागलिया ने सभी विजयी महिलाओं को उपहार देकर पुरस्कृत किया , तथा निर्णायक मंडल की सभी महिलाओं को भी सम्मानित किया गया ।
2. प्रत्येक सुहागिनों को सुहाग का सामान श्री साँई बाबा के आशीर्वाद स्वरूप दिया गया ।
3. ट्रस्टी श्रीमती सुमन नागलिया ने बताया , साल भर के सभी कार्यक्रम साँई मंदिर में बड़ी धूम धाम से मनाए जाते है ।
4. उपरोक्त कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु श्रीमती पूनम , श्रीमती पारिस , श्रीमती श्रुतिका , श्रीमती शैली , श्रीमती ऋचा , श्रीमती नीतू बंसल , श्रीमती आँचल बंसल , श्रीमती मधु सेठी आदि उपस्थित रहे ।
करवा चौथ एक महत्वपूर्ण हिंदू त्यौहार है, जो पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए मनाया जाता है। यह त्यौहार हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चौथ तिथि को मनाया जाता है।
करवा चौथ का महत्व:
1. पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए।
2. पत्नी के प्यार और समर्पण का प्रतीक।
3. विवाहित जीवन में सुख, समृद्धि और संतुष्टि के लिए।
करवा चौथ की रस्में:
1. सुबह सूर्योदय से पहले उठना और स्नान करना।
2. व्रत रखना और पूरे दिन भोजन नहीं करना।
3. शाम को चंद्रमा को देखना और पति की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करना।
4. पति के पैर धोना और उन्हें भोजन परोसना।
5. रात में चंद्रमा को देखकर व्रत तोड़ना।
करवा चौथ की कहानी:
करवा चौथ की कहानी महाभारत से जुड़ी हुई है। इसके अनुसार, सावित्री ने अपने पति सत्यवान की मृत्यु को रोकने के लिए यमदेव को चकमा दिया था। सावित्री की भक्ति और प्रेम को देखकर यमदेव ने सत्यवान को जीवित कर दिया था।
करवा चौथ के दिन की शुभ मुहूर्त:
करवा चौथ के दिन चंद्रमा को देखने का शुभ मुहूर्त शाम 7:30 से 9:00 बजे के बीच होता है।
इस त्यौहार को मनाने से पति-पत्नी के बीच प्रेम और स्नेह बढ़ता है, और वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि आती है।