मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पत्नी ने मनाया करवा चौथ का त्यौहार
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पत्नी ने मनाया करवा चौथ का त्यौहार
ब्यूरो रिपोर्ट
करवा चौथ के मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पत्नी गीता धामी ने भी पूरे विधि विधान के साथ करवा चौथ का व्रत रखा करवा चौथ के मौके पर मुख्यमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद रहे करवा चौथ के मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पत्नी ने पूजा अर्चना की और मुख्यमंत्री पुरस्कार से धार्मिक के दीर्घायु होने की कामना की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पत्नी ने करवा चौथ का व्रत रखा और इस पावन अवसर पर विधिवत पूजा-अर्चना की। करवा चौथ हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो सुहागिनों और अविवाहित कन्याओं के लिए खास महत्व रखता है। इस दिन व्रत रखने से सुहागिन अपने पति की दीर्घायु की कामना करती हैं और अविवाहित कन्याएं अपने लिए अच्छे पति की कामना करती हैं ¹।
इस त्योहार के दौरान, महिलाएं निर्जल व्रत रखती हैं और चंद्रमा को देखकर ही अपना व्रत खोलती हैं। करवा चौथ की कथा भी इस दिन सुनी जाती है, जो महिलाओं को अपने पति के प्रति समर्पण और भक्ति की प्रेरणा देती है ¹।
करवा चौथ की कुछ प्रमुख कथाएं हैं:
– *करवा नाम की धोबिन की कथा*: करवा ने अपने पति को मगरमच्छ के चुंगल से बचाया और यमराज से अपने पति की दीर्घायु का वरदान प्राप्त किया।
– *साहूकार के सात बेटों और सात बेटियों की कथा*: इस कथा में बहनों ने अपने पतियों की मृत्यु के बाद भी अपनी सतीत्व से उन्हें जीवन देने की प्रार्थना की।
– *अंधी बूढ़ी मां की कथा*: इस कथा में गणेश जी ने अंधी बूढ़ी मां की पूजा से प्रसन्न होकर उसकी आंखें ठीक कर दीं।
इन कथाओं को सुनने से महिलाओं को अपने पति के प्रति समर्पण और भक्ति की प्रेरणा मिलती है।
करवा चौथ की कथा कई हैं, लेकिन सबसे प्रसिद्ध कथा करवा नाम की धोबिन की है। यह कथा इस प्रकार है:
करवा नाम की धोबिन का पति एक सोनार था। एक दिन, जब करवा का पति नदी में स्नान कर रहा था, तो एक मगरमच्छ ने उसे पकड़ लिया। करवा ने अपने पति को बचाने के लिए मगरमच्छ को फंसाने के लिए अपनी चतुराई का उपयोग किया।
उसने मगरमच्छ को यमदेव के पास ले जाकर कहा, “यमदेव, यह मगरमच्छ मेरे पति को मारना चाहता है, लेकिन मैंने इसे पकड़ लिया है। अब तुम इसे अपने साथ ले जाओ।”
यमदेव ने करवा से कहा, “तुम्हारा पति तो पहले ही मेरे पास है।”
करवा ने यमदेव से कहा, “मैं अपने पति को नहीं छोड़ूंगी। तुम मुझे भी अपने साथ ले जाओ।”
यमदेव करवा की भक्ति और प्रेम से प्रसन्न हुए और उन्होंने करवा के पति को जीवन दान दिया।
इस कथा से पता चलता है कि करवा चौथ का व्रत रखने से पति की दीर्घायु और सुखी वैवाहिक जीवन की प्राप्ति होती है।