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यूपीसीएल के 232 उपसंस्थान हुये हाईटेक

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यूपीसीएल के 232 उपसंस्थान हुये हाईटेक

 

ब्यूरो रिपोर्ट

डिजिटलाईजेषन युग में केन्द्र सरकार के सहयोग एवं राज्य सरकार के प्रयासों से आदरणीय सचिव (ऊर्जा) के मार्गदर्षन में यूपीसीएल द्वारा क्रियान्वित विभिन्न योजनाओं से विद्युत वितरण तंत्र को और अधिक सुदृढ़ एवं आधुनिक बनाया जा रहा है। इस आधुनिकिकरण से ऑनलाईन डाटा संकलित करने, विष्लेशण करने तथा तत्काल फैसला लेने व अमल में लाने पर जोर दिया जा रहा है। उत्तराखण्ड पावर कारपोरेषन लि0 द्वारा आर0डी0एस0एस0 योजना के अन्तर्गत प्रदेष भर मंे 215 नग उपसंस्थानों व नियंत्रण प्रणाली की स्थापना का कार्य किया जा रहा है।

 

त प्रणाली प्रदेष भर के उपसंस्थानों जिनके अन्तर्गत 25 हजार से कम जनसंख्या वाले क्षेत्र आते हैं पर स्थापित किया जायेगा। वर्तमान तक योजनान्तर्गत प्रदेष भर में कुल 126 उपसंस्थानों पर प्रणाली की स्थापना की जा चुकी है जिनमें मुख्यतः रानीपोखरी, जौलीग्रांट, त्यूनी, लालतप्पड़, सेलाकूई, चिपलघाट, रायवाला एवं चाकीसैंण आदि क्षेत्र षामिल हैं तथा षेश उपसंस्थानों पर आगामी माहों में चरणबद्ध तरीके से त्ज्.क्।ै प्रणाली के स्थापना का कार्य पूर्ण किया जायेगा। साथ ही पूर्व में भी यूपीसीएल द्वारा आईपीडीएस योजना के अन्तर्गत प्रदेष भर के 66 षहरों के 106 उपसंस्थानों पर ;त्ज्.क्।ैद्ध नियंत्रण प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है। जिसके चलते वर्तमान में यूपीसीएल के कुल 232 उपसंस्थानों मंे त्ज्.क्।ै प्रणाली की स्थापना से हाईटेक हुये हैं।

प्रबन्ध निदेषक द्वारा अवगत कराया गया कि त्ज्.क्।ै नियंत्रण प्रणाली के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के पष्चात् सभी उपसंस्थानों की रियल टाईम आधार पर मॉनिटरिंग जा सकेगी जिससे विद्युत बाधित समय कम करने में काफी सफलता प्राप्त होगी। इसके अलावा उपसंस्थानों में स्थापित ब्रेकर्स की ज्तपचचपदह की संख्या के आधार पर समय से ब्रेकर्स का अनुरक्षण कर आपात स्थिति में विद्युत व्यवधान की सम्भावना से से भी बचा जा सकता है।

त्ज्.क्।ै के माध्यम से एकत्रित सूचना रियल टाइम आधार पर छंजपवदंस च्वूमत च्वतजंस पर प्रेशित करते हुए नोडल एजेंसी (मै0 पी0एफ0सी0) को दी जाती है। त्ज्.क्।ै को कॉल सेण्टर से इन्टीग्रेटेेड किया गया है जिसके तहत ब्नेजवउमत ैमतअपबम त्मचतमेमदजंजपअम ;ब्ैत्द्ध को फीडर आउटेज की जानकारी मिलने से उपभोक्ताओं को विद्युत बाधित होने की सटीक जानकारी उपलब्ध कराने में मदद मिलती है।

 

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