अत्याधुनिक तकनीक ।नजवउंजमक क्मउंदक त्मेचवदेम लेजमउ ;।क्त्ैद्ध के उपयोग से उपसंस्थानों की होगी स्वचालित लोड बैंलेंसिंग
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अत्याधुनिक तकनीक ।नजवउंजमक क्मउंदक त्मेचवदेम लेजमउ ;।क्त्ैद्ध के उपयोग से उपसंस्थानों की होगी स्वचालित लोड बैंलेंसिंग
ब्यूरो रिपोर्ट
सचिव (ऊर्जा) के मार्गदर्षन में पिछले कुछ वर्शों में यूपीसीएल द्वारा विद्युत वितरण क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। ऐसे में यूपीसीएल द्वारा एक मजबूत विद्युत वितरण प्रणाली हेतु वर्तमान में नवीनतम तकनीक पर आधारित उपकरणों/प्रणालियों की स्थापना की जा रही है। इसी क्रम में एक और नवाचार करते हुए यूपीसीएल द्वारा बिजली वितरण प्रणाली में स्थिरता सुनिष्चित करने के लिये उपसंस्थानों पर अत्याधुनिक ओटोमेटेड डिमान्ड रिसपोंस सिस्टम (ए0डी0आर0एस0) की स्थापना की जा रही है। यह अत्याधुनिक तकनीक ग्रिड में मांग और आपूर्ति के बीच में संतुलन बनाने में कारगार साबित होगी,
जिससे बिजली की खपत को कुषलता से प्रबंधित किया जा सकेगा। प्रबन्ध निदेषक द्वारा अवगत कराया गया कि ग्रिड अनुषासन के दृश्टिगत वर्तमान में यूपीसीएल द्वारा राज्य के कुल 95 नग 33/11 के0वी0 उपसंस्थानों में इस अत्याधुनिक ओटोमेटेड डिमान्ड रिसपोंस सिस्टम (ए0डी0आर0एस0) की स्थापना का कार्य किया जा रहा है तथा वर्श 2025-26 तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है।
इस प्रणाली की स्थापना होने से ग्रिड से ओवरड्राल की स्थ्तिि पर नियंत्रण किया जाना सम्भव हो सकेगा तथा इससे प्रति वर्श करोड़ो रूपये की बचत भी सम्भव हो सकेगी। इस सिस्टम के अन्तर्गत 95 नग 33/11 के0वी0 उपसंस्थानों से निकलने वाले कुल 190 फीडरों पर लोड बढ़ने की स्थिति में ओटोमेटेड रूप से नियंत्रण रखा जा सकेगा जिससे एक निष्चित सीमा से अधिक विद्युत लोड बढ़ने की स्थिति में चयनित फीडरों को ओटोमेटेड तरीके से विच्छेदित कर ग्रिड पर लोड बैलेंसिंग की जा सकेगी।
ए0डी0आर0एस0 सिस्टम विद्युत वितरण क्षेत्र में नवीन तकनीक है जिससे ग्रिड में लोड बैंलंेसिंग करने के साथ-साथ पीक डिमांड के दौरान ग्रिड पर दवाब को कम करने में भी मदद मिलती है। यह प्रणाली न केवल विद्युत वितरण क्षेत्र को सुदृढ़ करेगा बल्कि रियल टाइम में विद्युत खपत को स्वचालित रूप से समायोजित करेगा। यूपीसीएल द्वारा ए0डी0आर0एस0 सिस्टम के साथ-साथ स्काडा, आर0टी0-डैस तथा स्मार्ट मीटरिंग की प्रणाली जैसी आधुनिक तकनीकों के स्थापना का कार्य किया जा रहा है जो कि वितरण क्षेत्र को और अधिक आधुनिक एवं सुदृढ़ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।