South Asia 24×7 का मतलब पक्की खबर, देश और जहान की ताजातरीन खबरें,पत्रकारिता की नई आधारशिला, निष्पक्षता और पारदर्शिता अब, South Asia 24×7 पर खबर ग्राउंड जीरो से, मंझे हुए संवाददाताओं के साथ,हर जन मुद्दे पर, सीधा सवाल सरकार से ,सिर्फ South Asia 24 ×7 पर,पत्रकारिता की मजबूती के लिए जुड़िए हमारे साथ, South Asia 24×7 के यूट्यूब चैनल,फेसबुक और ट्विटर पर क्योंकि हम करते है बात मुद्दे की

South Asia24x7

Hindi News, Breaking News in Hindi, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi,South Asia24x7

जंगलों मे आग की घटना  के लिए हुई मॉक ड्रिल

1 min read

जंगलों मे आग की घटना  के लिए हुई मॉक ड्रिल

रिपोर्ट ललित बिष्ट
अल्मोड़ा

उत्तराखंड राज्य का अधिकतर वन क्षेत्र चीड़ के जंगलों से भरा हुआ होने के कारण हर साल गर्मियों की शुरुआत में ही आग के धधक पड़ता है।जो कि सरकार के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती है। पिछले वर्ष भी अल्मोड़ा के बिनसर एवं आस पास के क्षेत्र में वनाग्नि की घटना में कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।

राज्य में वनाग्नि की चुनौतियों से समाधान के लिए वनाग्नि की पिछली घटनाओं में आई समस्याओं का ध्यान में रखते हुए , वनाग्नि पर नियंत्रण के लिए जन भागीदारी भी बहुत महत्वपूर्ण है। यह बात जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय ने आज हुई वनाग्नि की मॉक ड्रिल के संबंध में कही।

Home minister Amit Shah in Haldwani today नेशनल गेम के समापन समारोह में शामिल होंगे,केद्रीय अमित शाह, हल्द्वानी में कर्यक्रम का होगा आयोजन 
वनाग्नि पर नियंत्रण के लिए संयुक्त रूप से आयोजित इस मॉक ड्रिल में जनपद के 3 स्थान (बिनसर, बलढोटी तथा सितोली) चिन्हित किये गये। स्टेजिंग एरिया पुलिस लाइन बनाया गया। वनाग्नि के कारण विभिन्न परिस्थितियों का किस तरह समाधान करना है, रिस्पांस टाइम कम करने, वनाग्नि को रोकने के लिए जन सहयोग और अन्य प्रभावी उपायों पर यह मॉक ड्रिल की गई । जिलाधिकारी ने कहा कि इस तरह की मॉक ड्रिल से जरूर वनाग्नि के समय उस पर नियंत्रण पाने में मदद मिलेगी।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ,आईटीबीपी, एसएसबी, आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में आज अल्मोड़ा के वन क्षेत्र में वनाग्नि (फॉरेस्ट फायर) से निपटने के लिए आयोजित इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य वन क्षेत्र में आग लगने की स्थिति में त्वरित बचाव और राहत कार्यों को प्रभावी ढंग से संचालित करना था।
मॉक ड्रिल के दौरान एक काल्पनिक स्थिति तैयार की गई, जिसमें घने जंगल में आग लगने की सूचना मिली। सूचना मिलते ही वन विभाग, दमकल कर्मी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तुरंत हरकत में आईं।

एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें आग को नियंत्रित करने के लिए ब्लोअर, वाटर कैनन, फायर बीटर और अन्य उपकरणों का उपयोग करती दिखीं। साथ ही ड्रोन और अन्य निगरानी उपकरणों का उपयोग कर यह देखा गया कि आग किस दिशा में फैल रही है और किन क्षेत्रों में तत्काल राहत पहुंचाने की आवश्यकता है।

Pulwama attack की चौथी बरसीं पर शहीद जवानों को किया गया नमन

घायलों को प्राथमिक उपचार देने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी मौजूद रहीं।

लेकिन देखने वाली बात यह है कि ऐसे मॉकड्रिल से इस बार आग की घटनाओं के प्रति प्रशासन कितना संवेदनशील होता है इसकी हकीकत तो फायर सीजन शुरू होने पर ही पता चल पाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!