Almora news वनों में लगने वाली आग के प्रति जागरूकता के लिए ओण दिवस का हुआ आयोजन
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वनों में लगने वाली आग के प्रति जागरूकता के लिए ओण दिवस का हुआ आयोजन
रिपोर्ट ललित बिष्ट
अल्मोड़ा
पर्वतीय इलाकों के जंगलों को आग से सुरक्षित रखने के उद्देश्य से ग्राम सभा धामस में द्वितीय ओण दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। ओण दिवस कार्यक्रम का उद्देश्य ओण जलाने की परंपरा को समयबद्ध और व्यवस्थित कर जंगलों को आग और नुकसान से बचाने में जनसहभागिता सुनिश्चित करना है।
पंडित गोविंद बल्लभ पन्त संग्रहालय में आयोजित कार्यक्रम में स्याहीदेवी -शीतलाखेत आरक्षित वन क्षेत्र के 30 गांवों के लगभग 700 महिलाओं तथा पुरुषों द्वारा प्रतिभाग किया गया। संचालन नरेन्द्र बिष्ट द्वारा किया गया।
प्लस एप्रोच फाउंडेशन नई दिल्ली द्वारा स्याहीदेवी -शीतलाखेत क्षेत्र में ग्रामीणों और वन विभाग के सहयोग से चलाये जा रहे जंगल बचाओ-जीवन बचाओ अभियान में मुख्य भूमिका निभाने वाली महिलाओं तथा आग बुझाने में सहयोग करने वाले प्रथम पंक्ति के फायर फायटर्स को सम्मानित किया गया।
प्लस एप्रोच फाउंडेशन के अलावा कार्यक्रम के आयोजन में गोविन्द बल्लभ पंत हिमालयन पर्यावरण संस्थान, ग्रामोद्योग विकास संस्थान, ढैंली तथा जंगल के दोस्त समूह द्वारा सहयोग दिया गया।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने जंगलों की आग को जल स्त्रोतों, जैवविविधता और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया और कहा कि ओण दिवस के माध्यम से जंगलों को आग से सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी। जंगलों की आग से बचाने में महिलाओं की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए महिला मंगल दलों को मजबूत करने पर जोर दिया गया। आपको बता दें जंगलों में आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से भी कई तरह की पहल की गई है सरकार ने स्थानीय लोगों को जागरूकता के लिए जोड़ा है स्थानीय लोगों को आग की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए जागरूक भी किया जा रहा है।
कार्यक्रम में महिलाओं द्वारा खूंट से धामस गांव तक जागरूकता रैली निकाली गई।इस बार के ओण दिवस कार्यक्रम का आयोजन प्लस एप्रोच फाउंडेशन के सहयोग से किया जा रहा है।