Ghazipur news इंसानों को इंसानों से जोड़ने का नाम पयामे इंसानियत है
1 min read- इंसानों को इंसानों से जोड़ने का नाम पयामे इंसानियत है
- By अकील अहमद
गाज़ीपुर۔ सौहार्द,मानवता और सद्भावना हेतु समर्पित संस्था आल इंडिया पयामे इंसानियत फोरम ग़ाज़ीपुर यूनिट द्वारा आज़ ग़ाज़ीपुर शहर के प्रसिद्ध शिक्षण संस्थान मदरसा दीनिया के प्रांगण में ऑल इंडिया पयामे इंसानियत फोरम के अध्यक्ष हज़रत मौलाना बिलाल हसनी नदवी के जनपद आगमन पर एक स्वागत समारोह का आयोजन किया गया।
समाज के सभी वर्गों के उत्थान के लिए करना होगा काम
इस अवसर पर मौलाना सऊदुल हसन नदवी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हूए कहा कि ज़रूरत है कि आज प्रेम का एक ऐसा कारवां तैयार किया जाय जो नफ़रत का दम घोंट दे और इंसानियत को ज़िन्दगी दे दे,इसलिए ज़रूरी है कि हर देशवासियो से मिला जाय,उनके दुःख-दर्द को सुना जाय और उन्हें अपना भाई माना जाय।इसी सोच को लेकर ऑल इंडिया पयामे इंसानियत फोरम गाज़ीपुर यूनिट ने मानवता की सेवा को अपना परम उद्देश्य बनाया ताकि देश में सौहार्द और मानवता की ठंडी हवा चलाई जा सके। ये शुभ काम आजके मुख्य अथिति मौलाना बिलाल साहब के मार्गदर्शन में ही सम्पन्न हो रहे हैं, हम गाज़ीपुर वासियों की ओर से उनका हार्दिक स्वागत करते हैं।
इंसानियत ही समाज को जोड़ने का करता है काम
मुख्य अथिति मौलाना बिलाल हसनी साहब नदवी ने कहा कि आज मानव समाज की सबसे बड़ी नेमत मानवता है,अगर किसी को ये मिल गई तो वह समाज का सबसे धनी और सुखी व्यक्ति माना जायेगा, अतःहमें चाहिए कि हम हर किसी के दुःख दर्द में काम आएं,भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए एक दूसरे से मिलें और दूसरे के घर आना जाना करें। वर्तमान में जबकि मानवता संकट में है तो ज़रूरत है कि समाज के मध्य जाकर उनमें मानवता का संचार किया जाय और उनके दुःख-दर्द में शामिल हुआ जाय और उन्हें बताया जाय कि तुम हमारे भाई हो और भाई ही भाई के काम आता है।आगे उन्होंने कहा कि आज समाज के युवाओं में एजुकेशन की बड़ी समस्या है उसके निराकरण के लिए हमें प्रयास करने चाहिए।इंसानियत ऐसा शब्द है कि जिसपर समस्त मानव समाज को एकजुट किया जा सकता है, आज समाज में जो विघटन है
देश के विकास के लिए आपसी भाईचारा जरूरी
उसे दूर करने के लिये मानवता के कार्यों से समाज को जोड़ना ज़रूरी है। ज़रूरत है कि आज इंसानियत का हाथ थामा जाये, उनके दुःख-दर्द को सुना जाय और संवाद स्थापित करके उनकी समस्या का निराकरण किया जाय।
कार्यक्रम की अध्यक्षता मौलाना आफ़ताब नदवी ने की और संचालन मौलाना सउदुल हसन नदवी ने किया।इस प्रोग्राम में मौलाना अज़ीज़ुल हसन सिद्दीकी,नसीम अब्बासी असजद सिद्दीकी,मौलाना कलाम नदवी,अब्दुस्समद सिद्दीकी,मौलाना मुख़्तार आज़मी,शाहिद जमाल,कमर अली,अब्दुल हसीब,मौलाना नासिर नदवी, डॉक्टर आमिर, मुहम्मद शोऐब,मौलाना फहद नदवी,इश्तेयाक नदवी, आफताब नदवी, मुहम्मद फैसल, मोहम्मद आरिफ नदवी, मौलाना गयासुद्दीन क़ासमी,जावेद अशरफ,मौलाना कामरान नदवी, अबुज़र नदवी,मौलाना असगर, मौलाना अकबर,मौलाना मशकूर,हाजी रफ़ीक़ और नजमुस्साकिब अब्बासी नदवी आदि शहर के गणमान्य लोगों के अलावा मदरसा दीनिया के छात्र मौजूद थे।