नगर पंचायत बहादुरगंज में फर्जी नियुक्ति का जिन्न निकला बाहर
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नगर पंचायत बहादुरगंज में फर्जी नियुक्ति का जिन्न निकला बाहर
फर्ज़ी नियुक्ति का जिन्न बढ़ा रहा है रियाज अंसारी की मुश्किलें
अकील अहमद
बहादुरगंज गाज़ीपुर۔ नगर पंचायत बहादुरगंज के वर्तमान चेयरमैन रियाज अहमद अंसारी की मुश्किलें निरंतर बढ़ती ही जा रही हैं अभी मदरसे में फर्जी तरीके से नियुक्ति का ताजा प्रकरण शांत ही नहीं हुआ था कि नगर पंचायत बहादुरगंज में भी फर्जी तरीके से नियुक्ति का मामला प्रकाश में आ रहा है जिससे चेयरमैन के शिकंजा कसता ही चला जा रहा है
और उनका भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है जहां एक तरफ वह अपनी पत्नी तथा चेयरमैन निकहत परवीन के कूट रचित दस्तावेज में जहां पुलिस उनके पीछे पड़ी हुई है वहीं पर ताजा प्रकरण ने उनकी मुश्किल में और इजाफा कर दिया है और वह पुलिस के निशाने पर हैं उनकी तलाश में पुलिस तथा एसटीएफ की टीम निरंतर उनके संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही रही है ताजा प्रकरण भी सन 2013 का बताया जा रहा है जिसमे समाजवादी पार्टी के एक स्थानीय नेता ने इसकी शिकायत तत्कालीन जिलाधिकारी चंद्रपाल सिंह ने इसके विरुद्ध करवाई करने की संस्तुति की थी
मगर अपने असर और रसूख के बल पर उन्होंने इसे दबाने में सफलता प्राप्त कर ली थी परंतु वर्तमान योगी सरकार में कहानी बदलने लगी है और भाजपा के स्थानीय नेता रामायण गुप्ता के प्रार्थना पत्र पर 2013 की अवैध नियुक्ति का जिन्न बोतल से बाहर निकल चुका है और यह जिन्न रियाज अहमद अंसारी के साथ-साथ तत्कालीन अधिशासी अधिकारी दीपक सिंह तथा दद्दी प्रसाद को निगलने की फिराक में है जिससे संबंधित अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ गई है,
एक तरफ जहां पर पुलिस ने रियाज अहमद अंसारी की खोज और तेज कर दी है,वहीं पर अन्य लोगों पर भी नकेल कसनी शुरू कर दी है
बताते चलें कि 2013 में तत्कालीन समाजवादी पार्टी के नेता द्वारा शासन को एक पत्र लिखा गया कि नगर पंचायत अध्यक्ष रियाज अहमद अंसारी और तत्कालीन अधिशासी अधिकारी दीपक सिंह और दद्दी प्रसाद ने मिलकर नगर पंचायत में अवैध नियुक्तिया कर शासन के धन का दुरुपयोग किया है, सपा नेता के इस शिकायत को संज्ञान लेते हुए तत्कालीन जिलाधिकारी चंद्रपाल सिंह ने जांच कर उपरोक्त तीनों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए शासन को पत्र लिखा, लेकिन समाजवादी पार्टी की सत्ता की होते हुए भी उस समय के तत्कालीन कौमी एकता दल के बहादुरगंज के नगर पंचायत अध्यक्ष रहे रियाज अहमद अंसारी ने अपने असर और रसूख के दम पर के दम पर उस फाइल को दबवा दिया,
लेकिन भाजपा की सरकार बनने पर बहादुरगंज के स्थानीय निवासी भाजपा नेता रामायण प्रसाद गुप्ता के पत्र पर शासन ने उस पत्र का संज्ञान लेते हुए करवाई करना प्रारंभ कर दिया है और कहीं ना कहीं उसमें साफ-साफ दीपक सिंह दड्डी प्रसाद और रियाज अहमद अंसारी पर कार्रवाई करने की बात कही गई है जिससे प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैदी के साथ रियाज अहमद अंसारी की खोज में लग गया है
अब देखना है कि प्रशासन और रियाज अहमद अंसारी के बीच शह और मात का खेल कब तक चलता है लेकिन चर्चाओं का बाजार यह गर्म है कि आखिर रियाज अहमद अंसारी की इतनी हनक थी कि 2013 की कार्रवाई का पत्र भी धूल फांक रही थी और जिलाधिकारी के आदेश को भी चुनौती दी गई थी ,लेकिन अब जिलाधिकारी के आदेश को चुनौती देना कहीं ना कहीं रियाज अहमद अंसारी के लिए काफी महंगा साबित हो रहा है।
भाई के बदले भाई की नियुक्ति बनी गले की हड्डी
नगर पंचायत बहादुरगंज में नियमों और कानून को ताक पर रखकर भाई के बदले भाई की नियुक्ति लिपिक के पद पर की गई थी जिससे नगर पंचायत बहादुरगंज में भ्रष्टाचार का जिन्न बोतल से बाहर आ चूका है और जिसमे नगर पंचायत बहादुरगंज में वरिष्ठ लिपिक दया सिंह की सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने तत्कालीन चेयरमैन और अधिशाषी अधिकारी को मिलाकर वर्तमान चेयरमैन रेयाज अहमद अंसारी ने नियुक्ति की थी जिसकी शिकायत स्थानीय सपा ने तत्कालीन जिलाधिकारी चंद्रपाल से की थी परंतु अपने असर और रसूख के बल पर फाइल को दबा दिया गया था और अब स्थानीय भाजपा नेता की शिकायत पर शासन ने मामले का संज्ञान लेते हुए त्वरित कार्रवाई करने की बात सामने आ रही है।
फर्जी हस्ताक्षर के लिए जाना जाता है नगर पंचायत बहादुरगंज
नगर पंचायत बहादुरगंज में फर्जी हस्ताक्षर बड़े ही जोर से किया जा रहा है जिसकी शिकायत दबे जुबान से सभासदों ने की थी परंतु किसी ने भी खुलकर विरोध करने का साहस नहीं किया, परंतु अब लोगों ने इसके खिलाफ बोलना शुरू कर दिया है और अपना अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं जिससे नगर पंचायत बहादुरगंज में दहशत पैदा हो गई है।
फैजान खान की मेहनत ला रही है रंग
स्थानीय भाजपा नेता फैजान खान की मेहनत रंग लाना शुरू हो गई है और रोज रोज नए नए मामले सामने आ रहे हैं इसी क्रम में एक और भाजपा नेता रामायन गुप्ता की शिकायत पर मामला तूल पकड़ता जा रहा है जिसमे उन्होंने बताया कि नगर पंचायत बहादुरगंज में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का खेल बहुत दिनों से लगातार जारी था परंतु कोई भी इसकी लिखित शिकायत संबंधित अधिकारियों से करने की जहमत नहीं करता था परंतु वर्तमान समय में स्थानीय भाजपा नेताओं ने मुखर होकर इसका विरोध करना प्रारम्भ कर दिया जिससे नित नए नए प्रकरण से पर्दा उठता ही जा रहा है।