युवा शोधकर्ताओं के लिए हैंड्स ऑन इंस्ट्रुमेंटल ट्रेनिंग: दून विश्वविद्यालय
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युवा शोधकर्ताओं के लिए हैंड्स ऑन इंस्ट्रुमेंटल ट्रेनिंग: दून विश्वविद्यालय
देहरादून : दून विश्वविद्यालय द्वारा डेपोर्टमेंट ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी-पर्स योजना के वैज्ञानिक सामाजिक जिम्मेदारी पहल के तहत युवा शोधकर्ताओं के लिए एक हैंड्स ऑन इंस्ट्रुमेंटल ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित किया गया जो दून सारथि फ्लैगशिप कार्यक्रम का भी हिस्सा है। शोध्कर्ताओं को अनुभवात्मक शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से दून विश्वविद्यालय में इस प्रकार के बिभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।
इसी श्रृंखला में इस बार विज्ञान के सनकायों ने उत्तराखंड के विभिन शिक्षिण स्नष्ठानो के सनातक ऐवम स्नातकोतत्र छात्र-छतराओं के लिए एक दिवसीय कायर्शाला का आयोजन किया जिसमे उत्तराखंड राज्य के विभिन्न संस्थानों से ४० छात्रों ने भाग लिया। प्रमुख उपकरणों में यु. वि.-विस्. स्पेक्ट्रोफोटोमीटर , केमिकल वेपर डिपोजिशन प्रणाली, थर्मल एवापोरेशन और इलेक्ट्रोकेमिकल वर्कस्टेशन शामिल थे।
उद्घाटन समाहरोह के मुख्य अतिथि प्रो. राजेंद्र पी. ममगई ने अनुसंधान नवोन्मेषी सोच के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा की अनुसंधान का मतलब है जो सभी ने देखा है उसे देखना और जो किसी ने नहीं सोचा है उसे सोचना । उन्होंने युवा शोधकर्ताओं को अपनी जिज्ञासा और रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए भी प्रेरित किया। इस प्रकार के व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल छात्रों के कौशल को बढ़ाते हैं बल्कि सामाजिक चुनौतियों के प्रति जिम्मेदारी की भावना को भी बढ़ावा दे रहे हैं।
सामुदायिक सहभागिता के साथ व्यावहारिक अनुभवों को एकीकृत करके ये पहल छात्रों को कुशल पेशेवर और कर्तव्यनिष्ठ नागरिक दोनों बनने के लिए तैयार कर रही हैं। उद्घटान समहारोह में उपस्थित विभिन्न क्षेत्रों के प्रसिद्ध विशेषज्ञों ने अपने अनुभव और ज्ञान साझा किया जिससे छात्रों को अत्याधुनिक अनुसंधान उपकरणों के प्रति अमूल्य अनुभव मिला।
प्रो. राजेंद्र पी. ममगई ने मानव संसाधन विकास की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला जो विकास करने और जीवन भर सीखने को बढ़ावा देता है। इसके साथ ही डॉ. अरुण कुमार, डॉ. चारू द्विवेदी, डॉ. हिमानी शर्मा , डॉ. सरीता सिंह ,डॉ. खुशबू सिंह , डॉ. शिवानी वर्मा ,डॉ. आशाराम गैरोला और डॉ. सुनीत नैथानी के द्वारा युवा शोधकर्ताओं को सांभोदित किया गया ।