उत्तराखंड में मालिन बस्तियां की स्थिति पर कांग्रेस पार्टी ने उठाये सवाल
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ब्यूरो रिपोर्ट
त्तराखंड में मलिन बस्तियों की संख्या 582 है ¹। यह जानकारी 2011 की जनगणना के आधार पर है, जिसमें मलिन बस्तियों की संख्या और उनकी विशेषताओं का विवरण दिया गया है। उत्तराखंड में मलिन बस्तियों की संख्या में वृद्धि हुई है, जो राज्य के शहरीकरण और विकास की प्रक्रिया को दर्शाती है ¹।
उत्तराखंड में मलिन बस्तियों की विशेषताएं इस प्रकार हैं:
आबादी मलिन बस्तियों में रहने वाली आबादी की संख्या लगभग 10 लाख है ¹।
शिक्षा: मलिन बस्तियों में शिक्षा की स्थिति खराब है, जिसमें कई बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं ¹।
स्वास्थ्य मलिन बस्तियों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी है, जिससे निवासियों को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है ¹।
उत्तराखंड सरकार ने मलिन बस्तियों के विकास के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य और आवास संबंधी सुविधाएं प्रदान करना शामिल है
कांग्रेस महानगर अध्यक्ष डॉ जसविंदर सिंह गोगी ने बस्तियों के नियमितीकरण के मामले पर भाजपा सरकार पर मामले को जानबूझकर लटकाए रखने के आरोप लगाये हैं। गोगी ने कहा कि देहरादून की मलिन बस्तियों के नियमितीकरण का कार्य भाजपा सरकार द्वारा अधूरे मन से किया गया है। इसीलिए सरकार ने यह कार्य तीन-2 वर्षों के लिए किया।
सबसे पहले वर्ष 2018 में पहली बार मलिन बस्तियों के बारे में अध्यादेश लाई थी जिसे 2021 में तीन वर्षों के लिए दोबारा लाया गया और अब जब 23 अक्टूबर को इस अध्यादेश का समय समाप्त हो रहा है तो एक बार फिर एक नया अध्यादेश लाने की तैयारी की जा रही है क्योंकि भाजपा बस्तियों के निवासियों को डर के माहौल में रखना चाहती है ताकि डरा धमका कर और बरगला कर उनके वोट लिए जा सकें इसलिए जानबूझकर इस मुद्दे का स्थायी समाधान नहीं होने देना चाहती है। इसीलिए इतने साल से यह मामला लटका हुआ है। कांग्रेस पार्टी इस मामले में भाजपा सरकार के नापाक इरादों को जनता के सामने उजागर करेगी और जहां संघर्ष की आवश्यकता होगी वहां पूरी ताकत से संघर्ष भी करेगी।