पहाड़ों की रानी मसूरी में गढ़वाली डांडिया के कार्यक्रम का हुआ आयोजन, महिलाओं ने दी मनमोहक प्रस्तुति
1 min readपहाड़ों की रानी मसूरी में गढ़वाली डांडिया के कार्यक्रम का हुआ आयोजन, महिलाओं ने दी मनमोहक प्रस्तुति
ब्यूरो रिपोर्ट
पहाड़ों की राजधानी मसूरी में गढ़वाली डांडिया कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें अलग-अलग समूह की महिलाओं ने हिस्सा लिया इस मौके पर महिलाओं ने मनमोहन प्रस्तुति दी कार्यक्रम में अलग-अलग महिलाओं ने गढ़वाली वेशभूषा में डांडिया नृत्य किया लोगों ने सभी की हौसला अफजाई की ।
चार ग्रुप ने गढ़वाली डांडिया का बेहतर परफॉर्मेंस किया उन्हें पुरस्कृत किया गया है गढ़वाली डांस डांडिया बहुत ही मनमोहन तौर तरीके से हुई । महिलाओं ने अलग-अलग गढ़वाली गीतों पर नृत्य भी किया ।
डांडिया एक पारंपरिक भारतीय नृत्य है, जो गुजरात राज्य में बहुत लोकप्रिय है। यह नृत्य आम तौर पर नवरात्रि के त्योहार के दौरान किया जाता है, जो हिंदू देवी दुर्गा की पूजा के लिए मनाया जाता है।
डांडिया नृत्य में नर्तक अपने हाथों में डंडे लेकर नृत्य करते हैं, जो इस नृत्य की विशेषता है। यह नृत्य समूह में किया जाता है, जिसमें नर्तक एक दूसरे के साथ ताल में नृत्य करते हैं। डांडिया नृत्य के दौरान विभिन्न प्रकार के संगीत और गीत गाए जाते हैं।
डांडिया नृत्य का मुख्य उद्देश्य भक्ति और आनंद के साथ नवरात्रि के त्योहार को मनाना है। यह नृत्य गुजरात की संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
डांडिया रास की शुरुआत गुजरात से हुई थी, जो एक पारंपरिक नृत्य है जो नवरात्रि के त्योहार के दौरान किया जाता है। इसकी शुरुआत का सटीक समय पता नहीं है, लेकिन यह कई सदियों पुराना है। यह नृत्य भगवान कृष्ण और गोपियों के बीच के प्रेम और खुशी को दर्शाता है। इसे गरबा के साथ भी जोड़ा जाता है, जो नवरात्रि के दौरान किया जाने वाला एक अन्य पारंपरिक नृत्य है।
डांडिया गरबा गुजरात राज्य में विशेष रूप से होता है, लेकिन अब यह पूरे भारत में और विश्वभर में गुजराती समुदाय द्वारा मनाया जाता है। यह नवरात्रि के त्योहार के दौरान आयोजित किया जाता है, जो हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन महीने में पड़ता है। डांडिया गरबा के आयोजन में लोग रंग-बिरंगे परिधानों में ढोलक और मंजीरे के साथ नृत्य करते हैं, जो इस त्योहार की विशेषता है।