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आलमी यौमे उर्दू डे पर बैठक का आयोजन

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आलमी यौमे उर्दू डे पर बैठक का आयोजन

वक्ताओं ने उर्दू की महत्ता पर डाला प्रकाश

उर्दू हम सबकी जुबान*हारून इस्लाम

उर्दू और हिन्दी सगी बहने इनका जान हम सबके लिए अनिवार्य

By जफर अकील 

बहादुरगंज गाज़ीपुर۔उर्दू के प्रख्यात लेखक और दार्शनिक तथा शायर ए मशरिक के नाम से मशहूर अल्लामा इकबाल का जन्मदिन 9 नवम्बर पूरी दुनिया में धूम धाम के साथ मनाया जाता है इसी क्रम में आज नगर के पुरानीगंज मोहल्ले में मरहूम मोहम्मद मास्टर के आवास पर एक बैठक का आयोजन मास्टर अंजर अंसारी की अध्यक्षता में किया गया जिसमें सर्व प्रथम मास्टर हारून इस्लाम ने अपने विचार रखते हुए कहा कि वर्तमान समय में शिक्षा हम सबके लिए अनिवार्य है और खासतौर से उर्दू की शिक्षा तो हम सबको अवश्य ही हासिल करना चाहिए जिससे कि हम अपने बच्चों को दुनिया के साथ साथ दीन की तालीम को दे सकें और बगैर उर्दू जाने यह काम मुमकिन नहीं है क्योंकि उर्दू अरबी और फारसी के अल्फ़ाज़ एक दूसरे से मिलते जुलते हैं इसलिए हम सब अगर उर्दू की जरा भी फिक्र करते हैं तो हम सबको अपने बच्चों को उर्दू की तालीम दिलानी होगी और इसका ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना होगा तभी उर्दू को फ़रोग़ मिलेगा वहीं पर समावेशी साथी तथा सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार मास्टर जफर अकील ने कहा कि उर्दू डे के मौके पर हम सब लोग उर्दू को जानने मानने और जीने के सिद्धांत पर अमल करते हुए इसे अपने बच्चों के साथ साथ अपने पड़ोसियों और रिश्तेदारों के साथ साथ समाज के सभी लोगों को उर्दू की तालीम दिलाने के लिए खुद से शुरुआत करनी होगी क्योंकि हम और आप लोग ज्यादातर लोगों ने अपनी तालीम मदरसे से ही हासिल कर उच्च शिक्षण संस्थानों से शिक्षा ग्रहण की मगर आधुनिकता की इस आंधी दौड़ में लोग अंग्रेजी की तरफ भागे जा रहे हैं और अपनी भाषा और जुबान से मुंह मोड़ रहे हैं क्योंकि आजकल के ज्यादातर बच्चे कॉन्वेंट स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं जहां पर उर्दू की तालीम प्रायः कम ही दी जाती है ऐसे में हम सबका फ़र्ज़ बनता है कि हम सब लोग उर्दू को जिंदा रखने के लिए उसका इस्तेमाल अपने घरों और समाज में जरूर करें।

आखिर में मास्टर अंजर अंसारी ने सभी आगंतुकों के प्रति दिल की गहराइयों से आभार प्रकट किया।

इस अवसर पर डॉक्टर अहमद सज्जाद, मुमताज अंसारी, डॉक्टर सईदुर्रहमान,अख़्तर हुसैन,सद्दाम अंसारी,ताबिश रेहान, गुड्डू अंसारी,रिज़वान रेयाज, फ़ैजानुल्लाह अंसारी,जुबैर खान इत्यादि लोग उपस्थित रहे।

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