दून यूनिवर्सिटी में डी.एस.टी. की पर्स (प्रमोशन ऑफ यूनिवर्सिटी रिसर्च एंड साइंटिफिक एक्सीलेंस) योजना के तत्वावधान में यूनिवर्सिटी – इंडस्ट्री कॉन्क्लेव
1 min readदून यूनिवर्सिटी में डी.एस.टी. की पर्स (प्रमोशन ऑफ यूनिवर्सिटी रिसर्च एंड साइंटिफिक एक्सीलेंस) योजना के तत्वावधान में यूनिवर्सिटी – इंडस्ट्री कॉन्क्लेव
ब्यूरो रिपोर्ट
दून विश्वविद्यालय ने भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डी.एस.टी.) की पर्स (प्रमोशन ऑफ यूनिवर्सिटी रिसर्च एंड साइंटिफिक-एक्सीलेंस) योजना के तत्वावधान में पहला यूनिवर्सिटी- इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित किया। कॉन्क्लेव का उद्घाटन आज श्री विश्वास डावर जी (उपाध्यक्ष, इंफ्रास्ट्रक्चर मॉनिटरिंग काउंसिल, उत्तराखंड सरकार, और डॉ. संजय मिश्रा (साइन्टिस्ट एच और सीनियर एडवाइजर, डिपार्टमेन्ट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी, भारत सरकार) और प्रो सुरेखा डंगवाल (कुलपति, दून यूनिवर्सिटी) की गरिमामयी उपस्थिति में किया गया है।
प्रो सुरेखा डंगवाल ने बताया कि रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री (आर.एस.सी.) लंदन इस कॉन्क्लेव में दून विश्वविद्यालय का नॉलेज पार्टनर है। डॉ. संजय मिश्रा (साइन्टिस्ट एच और सीनियर एडवाइजर, डिपार्टमेन्ट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी, भारत सरकार) ने बताया कि भारत सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू की है और अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (ए.एन.आर.एफ.) की भी स्थापना की है।
नीति और फाउंडेशन दोनों का इंडस्ट्री-एकेडेमिया कोलेबोरेशन पर ध्यान केंद्रित है। मुख्य अतिथि श्री विश्वास डावर जी ने बताया कि दून विश्वविद्यालय पहला और एकमात्र राज्य वित्त पोषित विश्वविद्यालय है जिसे डी.एस.टी. द्वारा पर्स योजना के तहत सहायता के लिए चयनित किया गया है।
उन्होंने उल्लेख किया कि स्टार्ट-अप की सहायता करना राज्य के किसी भी विश्वविद्यालय द्वारा की गई एक अनूठी पहल है। देश के विभिन्न हिस्सों से कई उद्योगों के रिसर्च एवं डेवलपमेंट लीडर्स ने इस सम्मेलन में भाग लिया कि विश्वविद्यालय और इंडस्ट्री के बीच कनेक्ट और कोलेबोरेशन कैसे स्थापित किया जा सकता है। इस अवसर पर उत्तराखण्ड के अनेक स्टार्ट-अप्स के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
उन्होंने चर्चा की कि वे दून विश्वविद्यालय के साथ कोलेबोरेशन कैसे कर सकते हैं और विश्वविद्यालय कैसे कोलेबोरेशन और विकास के लिए हैण्ड- होल्डिंग कर सकता है।
डॉ. अनुभव सक्सेना (प्रेजिडेंट, रिसर्च एवं डेवलपमेंट, पिडिलाइट इंडस्ट्रीज) और श्रीमती पी. रीता सांता कुमार (वाईस प्रेजिडेंट, सन फार्मा) विश्वविद्यालय में प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस हैं। उन्होंने दून यूनिवर्सिटी से जुड़कर अपनी खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की पहल दून यूनिवर्सिटी के साथ इंडस्ट्रियल कोलेबोरेशन की नींव रखेगी।
सुरेश रामचंद्रन (कंट्री हेड, अर्केमा इंडिया), सुश्री आशीष कसाद, डॉ जी.एस. कपूर (गेल इंडिया के सलाहकार और आई.ओ.सी.एल. के पूर्व एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर), प्रोफेसर उमेश वी बनाकर (बनाकर कंसल्टिंग सर्विसेज यू.एस.ए.), और श्री मधुकर राव डाकिनेडी (केम एनालिस्ट) ने उन नए अवसरों के बारे में उल्लेख किया है जो यूनिवर्सिटी- इंडस्ट्री कोलेबोरेशन के बाद उत्पन्न जा सकते हैं ।
उद्घाटन सत्र में आयोजन समिति के सदस्य डॉ. अरुण कुमार, डॉ. हिमानी शर्मा, डॉ. चारू द्विवेदी, डॉ. आशा राम गैरोला, डॉ. सरिता, डॉ. विकास शर्मा, डॉ. शिवानी वर्मा, डॉ. खुशबू, डॉ. उज्ज्वल कुमार, डॉ. सुनीत नैथानी, डॉ. विपिन कुमार और डॉ. राजेश भट्ट भी उपस्थित थे।