चौवालीस साल बाद निकली ग्राम-माणखी में द्वारी माता की देवरा यात्रा। सैकड़ो भक्त पहुंचे माँ का आशीर्वाद पाने
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चौवालीस साल बाद निकली ग्राम-माणखी में द्वारी माता की देवरा यात्रा। सैकड़ो भक्त पहुंचे माँ का आशीर्वाद पाने
By सोहन सिंह चमोली
ग्राम माणखी, नंदानगर,चमोली में दिनांक 29 नवंबर 2024 को जुगवद कार्यक्रम के बाद पूरे तीन माह के लिये द्वारी माता अपनी दिशा ध्याणियों से मिलने हेतु पूरे क्षेत्र भ्रमण हेतु निकली। सैकड़ो श्रद्धालुओं की उपस्थिति में नम आँखो से माता को भेट चढ़ाकर माता का प्रस्थान पहले पड़ाव ग्राम-खुनाना की और हुआ।
ग्राम -माणखी में माँ द्वारी 1981 के बाद 44 वर्ष उपरांत पुनः देवरा यात्रा के लिये क्षेत्र भ्रमण पर निकली है इसी लिये सालों से बाहर रह रहे समस्त ग्रामवासी भी देवी के दर्शन लिये गाँव में पहुंचे हुए हैं । मान्यता है कि माणखी गाँव में माँ द्वारी का मायका तथा कांडई में ससुराल है।
क्षेत्र भ्रमण के तीन माह उपरांत 23 फरवरी 2025 को गौरीशंकर विवाह तथा 24 फरवरी 2025 को गरुण छाण कार्यक्रम के साथ द्वारी माता पुनः गर्भ ग्रह में प्रवेश करेगी।
उत्तराखंड में देव डोली एक महत्वपूर्ण और पारंपरिक धार्मिक प्रथा है, जो राज्य की सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ देव डोली के बारे में कुछ जानकारी दी गई है:
देव डोली क्या है?
देव डोली एक पारंपरिक धार्मिक प्रथा है, जिसमें देवताओं की मूर्तियों को विशेष रूप से सजाए गए पालकी में रखकर उनकी पूजा की जाती है।
देव डोली का महत्व
देव डोली उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह प्रथा राज्य के लोगों के धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
देव डोली के प्रकार
उत्तराखंड में देव डोली के कई प्रकार हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:
1. _कुमाऊं की देव डोली_: कुमाऊं क्षेत्र में देव डोली की एक विशेष प्रथा है, जिसमें देवताओं की मूर्तियों को विशेष रूप से सजाए गए पालकी में रखकर उनकी पूजा की जाती है।
2. _गढ़वाल की देव डोली_: गढ़वाल क्षेत्र में देव डोली की एक विशेष प्रथा है, जिसमें देवताओं की मूर्तियों को विशेष रूप से सजाए गए पालकी में रखकर उनकी पूजा की जाती है।
3. _जौनसारी देव डोली_: जौनसारी क्षेत्र में देव डोली की एक विशेष प्रथा है, जिसमें देवताओं की मूर्तियों को विशेष रूप से सजाए गए पालकी में रखकर उनकी पूजा की जाती है।
देव डोली के लिए आवश्यक सामग्री
देव डोली के लिए आवश्यक सामग्री में शामिल हैं:
1. _देवताओं की मूर्तियाँ_
2. _पालकी_
3. _फूल_
4. _धूप_
5. _दीप_
6. _नैवेद्य_
7. _प्रसाद_
देव डोली के लिए आवश्यक पूजा विधि
देव डोली के लिए आवश्यक पूजा विधि में शामिल हैं:
1. _देवताओं की मूर्तियों को स्थापित करना_
2. _पूजा के लिए आवश्यक सामग्री को इकट्ठा करना_
3. _देवताओं की पूजा करना_
4. _प्रसाद और नैवेद्य को चढ़ाना_
5. _देवताओं की आरती करना_
6. _देवताओं को विदाई देना_