सामुदायिक सहभागिता द्वारा शिक्षा व्यवस्था सुधारने पर जोर
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सामुदायिक सहभागिता द्वारा शिक्षा व्यवस्था सुधारने पर जोर
By सोहन सिंह
नंदानगर विकासखंड के सीमांत संकुल संसाधन केंद्र बूरा के अंतर्गत रा0इ0का0 चौनघाट में संकुल स्तरीय एसएमसी प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान शिक्षकों व अभिभावकों के बीच तालमेल बैठाने के साथ शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने पर जोर दिया गया। प्रशिक्षण के नोडल अधिकारी डॉ0 जगमोहन नेगी ने कहा कि विद्यालय प्रबंधन समिति के सहयोग से सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में संचालित सरकारी विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
शिक्षा विभाग की ओर से विभिन्न विद्यालयों से आए राजकीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों तथा एसएमसी के सदस्यों के लिए प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें संकुल केंद्र अंतर्गत राजकीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व रा0इ0का0 समेत कुल 13 विद्यालयों के 60 से अधिक सदस्यों ने प्रतिभाग किया। विद्यालय प्रबंधन समिति (एसएमसी) के प्रशिक्षण के दौरान राजकीय शिक्षकों तथा एसएमसी सदस्यों को शिक्षा व्यवस्था में आए नए बदलाव के बारे में जानकारी दी गई। प्रशिक्षण शिविर के समापन अवसर पर नोडल अधिकारी प्रधानाचार्य राइंका बूरा से नोडल अधिकारी डॉ0 जे0एस0 नेगी ने बताया कि बच्चों में नैतिक गुणों तथा 21वीं शदी के कौशलों का विकास किया जाना जरूरी है.
कहा कि प्रशिक्षण के माध्यम से शिक्षक व अभिभावकों के बीच आपसी तालमेल बेहतर हो सकेगा। इससे ग्रामीण अभिभावकों से प्राप्त सुझाव के आधार पर संबंधित विद्यालय में शिक्षा व्यवस्था सुधारने में काफी मदद मिलेगी। इस दौरान शिक्षकों को विद्यालय प्रबंधन, नई तकनीक से पठन-पाठन, अभिलेखों का ठीक ढंग से रखरखाव, स्वच्छता प्रबंधन, एमडीएम का संचालन, एफएलएन, कौशलम व अन्य बिदुओं पर चर्चा की गई। प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर सी0आर0सी0 रणवीर सिंह नेगी प्रेम बल्लभ नौटियाल और प्रेम सिंह बिष्ट ने प्रतिभागियो को गुणवत्ता परक शिक्षा व प्रबंधकीय व्यवस्था के संचालन की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यवस्था में सुधारीकरण को सामूहिक प्रयास होने चाहिए। शिक्षकों को प्रशिक्षण से प्राप्त जानकारी अभिभावकों से साझा करनी चाहिए। इस मौके पर संकुल समन्वयक रणवीर सिंह नेगी, एसएमसी अध्यक्ष देवेंद्र सिंह नेगी, मोतिमा देवी, प्रधानाचार्य रा0इ0का0 चौनघाट, बूरा, प्रधानाध्यापक रा0प्रा0वि0 भितलकुण्डली, रामणी, ग्वाड़,पडेर गांव, बूरा, चाँजुली, तंगला, चामुंला आदि मौजूद रहे।