कुंभ के समापन पर क्या बोले सीएम योगी
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कुंभ के समापन पर क्या बोले सीएम योगी
ब्यूरो रिपोर्ट
प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में आयोजित मानवता का ‘महायज्ञ’, आस्था, एकता और समता का महापर्व महाकुम्भ-2025, प्रयागराज आज महाशिवरात्रि के पवित्र स्नान के साथ ही अपनी पूर्णाहुति की ओर अग्रसर है।
13 जनवरी, पौष पूर्णिमा से प्रारंभ महाकुम्भ-2025, प्रयागराज में आज 26 फरवरी, महाशिवरात्रि की तिथि तक कुल 45 दिवसों में 66 करोड़ 21 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पावन त्रिवेणी में स्नान का पुण्य लाभ प्राप्त किया। विश्व इतिहास में यह अभूतपूर्व है-अविस्मरणीय है।
पूज्य अखाड़ों, साधु-संतों, महामंडलेश्वरों एवं धर्माचार्यों के पुण्य आशीर्वाद का ही प्रतिफल है कि समरसता का यह महासमागम दिव्य और भव्य बनकर सकल विश्व को एकता का संदेश दे रहा है।
इस सिद्धि के सूत्रधार सभी गणमान्य जनों, देश-विदेश से पधारे सभी श्रद्धालुओं तथा कल्पवासियों का हार्दिक अभिनंदन एवं आभार।
महाकुम्भ के सुव्यवस्थित आयोजन के कर्णधार रहे महाकुम्भ मेला प्रशासन, स्थानीय प्रशासन, पुलिस प्रशासन, स्वच्छताकर्मियों, गंगा दूतों, स्वयंसेवी संगठनों, धार्मिक संस्थाओं, नाविकों तथा महाकुम्भ से जुड़े केंद्र व प्रदेश सरकार के सभी विभागों सहित प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग देने वाले सभी महानुभावों व संस्थाओं को साधुवाद। विशेष रूप से प्रयागराज वासियों का धन्यवाद, जिनके धैर्य एवं आतिथ्य सत्कार ने सबको सम्मोहित किया।
माँ गंगा, भगवान बेनी माधव आप सबका कल्याण करें।
महाकुंभ एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो हर 12 वर्ष में आयोजित किया जाता है। यह त्योहार प्रयागराज (पूर्व में इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था) में गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर आयोजित किया जाता है।
महाकुंभ का महत्व:
महाकुंभ एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जो हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। यह आयोजन हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व के साथ-साथ सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व भी रखता है।
महाकुंभ के दौरान आयोजित कार्यक्रम:
महाकुंभ के दौरान कई धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख कार्यक्रम हैं:
– _शाही स्नान_: महाकुंभ के दौरान शाही स्नान एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है, जिसमें साधु-संत और अन्य धार्मिक नेता गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर स्नान करते हैं।
– _कुंभ मेला_: महाकुंभ के दौरान कुंभ मेला आयोजित किया जाता है, जिसमें विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
– _सांस्कृतिक कार्यक्रम_: महाकुंभ के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें संगीत, नृत्य, नाटक और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियाँ शामिल होती हैं।
महाकुंभ का इतिहास:
महाकुंभ का इतिहास बहुत पुराना है, जो लगभग 2000 वर्ष पुराना है। यह आयोजन पहली बार 627 ईसा पूर्व में आयोजित किया गया था, जब भगवान बुद्ध ने इस स्थान पर एक महत्वपूर्ण उपदेश दिया था। तब से, यह आयोजन हर 12 वर्ष में आयोजित किया जाता है।