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हिमगिरी ग्रीन फाउंडेशन द्वारा भटकोट स्थित पारंपरिक नौले को पुनर्जीवित करने का प्रयास

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By ललित बिष्ट
(चौखुटिया)अल्मोड़ा

हिमगिरी ग्रीन फाउंडेशन द्वारा भटकोट स्थित पारंपरिक नौले को पुनर्जीवित करने का प्रयास

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर हिमगिरी ग्रीन फाउंडेशन के द्वारा पर्यावरण प्रेमी शंकर सिंह बिष्ट के नेतृत्व में चौखुटिया के भटकोट गांव में स्थित एक पारंपरिक नौले को पुनर्जीवित करने हेतु एक छोटी सी पहल की शुरुआत की गई।

ग्रामीणों द्वारा नौले के केचमेंट एरिया में भूमिगत जल को रिचार्ज करने हेतु चाल खाल खंत्तियों का निर्माण किया गया एवं आसपास के क्षेत्र में गंदगी तथा झाड़ियों को साफ करने का काम किया गया।

 

साथ ही ग्रामीणों ने नौले को पुनर्जीवित करने का दृढ़ संकल्प किया है। पर्यावरण प्रेमी शंकर सिंह बिष्ट ने बताया कि इस तरह का बेहतरीन कारीगरी से बनाया गया यह नौला हमारी धरोहर है जो कि आज सूखने की कगार पर है उन्होंने बताया कि इस नौले के मुख्य तीन स्रोत हैं जिसमें से दो स्रोत पूरी तरह से सूख चुके हैं.

नाले में पानी बहुत कम रह गया है और अगर इसके पुनर्जीवन के लिए प्रयास नहीं किया गया तो एक 2 साल के भीतर नौला पूरी तरह से सूख जाएगा नौले के सूखने के पीछे के कारणों पर बात हुई तो पता चला कि नौले के कैचमेंट एरिया में कई सालों से आग लगते आ रही है ।

जिस कारण वहां स्थानीय प्रजातियों चौड़ी पत्ती के जितने भी पेड थे वह लगभग समाप्त हो चुके हैं और भूमिगत जल रिचार्ज नहीं हो पा रहा है साथ ही चीड प्रजाति भी पनप रही है।

पर्यावरण संतुलन के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। ताकि लोग अधिक से अधिक पेड़ लगाएं और पर्यावरण को सुरक्षित रखें।  इस दिशा में लगातार काम किया जा रहा है लोगों का कहना है कि आने वाले दिनों में जिस तरह से पर्यावरण संतुलन के लिए काम किया जा रहा है ऐसे में लोगों को जागरूक रहने की जरूरत है।

 

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