आओ मिलकर दिए जलाएं, बापू एक व्यक्ति नहीं ,एक सिद्धांत
1 min readसौहार्द एवं बंधुता मंच की बैठक संपन्न
गांधी और शास्त्री के विचारों को आत्मसात करना ही सच्ची श्रद्धांजलि मनोज तिवारी
By अकील अहमद
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री के जीवन दर्शन पर हुई चर्चा
बहादुरगंज गाजीपुर۔ हमारे देश के दो महान सपूतों महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री जी के जयंती के अवसर पर सौहार्द एवं बंधुता मंच की बैठक मौलवी हफीजूर्रहमान की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। सर्व प्रथम लोगों ने महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के चित्रों पर माल्यार्पण कर उन्हे श्रद्धांजलि अर्पित की और कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
बैठक को सर्वप्रथम बहादुरगंज के सौहार्द फेलो जफर अकील ने संबोधित करते हुए कहा सौहार्द एवं बंधुता मंच के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वर्तमान समय में संवैधानिक मूल्यों की प्रासंगिकता पहले से भी ज्यादा बढ़ गई अतः हम सबको जानना,मानना, और जीना के सिद्धांत पर अमल करते हुए इसे अपने जीवन में आत्मसात करने की आवश्यकता है वहीं पर सौहार्द साथी अमित राय ने संवैधानिक मूल्यों पर आम जनमानस की उदासीनता पर सवाल उठाते इसकी उपयोगिता और महत्ता पर प्रकाश डाला।
संवैधानिक मूल्यों का हमेशा होना चाहिए सामान
सौहार्द एवं बंधुता मंच के सदस्य असलम खान ने कहा कि इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म है और अगर इंसान के अंदर इंसानियत नहीं है तो वह इंसान कहलाने के लायक नहीं है जबकि मोलवी हफीजुर्रहमान ने गांधी जी के 3 बंदरों को इंगित करते हुए कहा कि यह हमें बुरा न देखो बुरा न करो और बुरा न सुनो का संदेश देते हैं अतः हम सबको इसे अपने जीवन में आत्मसात करने की आवश्यकता है वहीं श्याम बिहारी वर्मा ने सर्वप्रथम आयोजक मण्डल को बधाई देते हुए कहा कि इस प्रकार का कार्यक्रम कराना बहुत ही नेक कार्य है सर्वप्रथम हम मानव हैं अतः हमारा कर्तव्य है कि हम अपने अंदर की बुराइयों को दूर लोगों के सामने एक मिसाल बनेंगे जिससे कि समाज के अंदर प्रेम और भाईचारे का प्रसार हो सके।
महात्मा गांधी का सत्य, अहिंसा के पथ पर चलने का पाठ हमेशा रहेगा प्रासंगिक
समाजसेवी निरंजन शर्मा ने कहा कि महात्मा गांधी के विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक है जितने कि पहले था गांधी जी का संपूर्ण जीवन ही हमें इंसानियत का पैगाम देता है उनके विचार आज भी जीवित हैं हमें संवैधानिक मूल्यों को स्वंय में आत्मसात करने की आवश्यकता है व्यसायी जयप्रकाश गुप्ता ने कहा सबको मिलजुलकर कार्य करने का संदेश देते हुए सबसे सहयोग करने की अपील की, समीर राय ने दिखावे के स्वच्छता अभियान पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए कहा कि हम एक दिन श्रमदान करने की आवश्यकता नहीं है बल्कि नित्य प्रतिदिन श्रमदान करने की जरूरत है जिससे कि वास्तव में गांधी के स्वच्छता अभियान मिशन को लक्ष्य तक पहुंचाया जा सके,
खुद सिद्धांतों के पद पर चलने की है आवश्यकता
सुरजीत प्रजापति ने कहा कि हमें अपने दैनिक जीवन में भी संवैधानिक मूल्यों का पालन करने की आवश्यकता है हमें हिंसा और दिखावे से परहेज़ करना चाहिए जबकि एडवोकेट जमाल अहमद ने कहा कि संवैधानिक मूल्यों का ज्ञान और उसका प्रयोग करना हम सबको आना चाहिए तभी हम वर्तमान समय की चुनौतियों का सामना कर सकते हैं वहीं आशीष बरनवाल ने कहा कि हमें महापुरुषों के मूल्यों को अपने ऊपर लागू करने की आवश्यकता है सौहार्द फेलो प्रोग्राम मैनेजर मनोज तिवारी ने कहा कि हम सब मूल्यों के बजाय सेलिब्रेशन की तरफ चले गए हैं जो कि कहीं से भी उचित नहीं है उन्होंने युवा साथियों से फेसबुक यूनिवर्सिटी के बजाय किताबों से ज्ञान प्राप्त करने की अपील की और समाज के अंदर समता , स्वतंत्रता न्याय और बंधुत्व के मूल्यों अपने अंदर उतारने का संदेश दिया, अंत में मुबारक अली खान ने प्रोग्राम का समापन करते हुए कहा कि सबका आभार प्रकट करते हुए कहा कि आज समाज को जोड़ने की आवश्यकता है और हमारे देश का संविधान भी इसी की शिक्षा देता है।
इस अवसर पर पिंटू राय, इम्तेयाज अहमद, संतोष पाण्डेय, तीर्थराज राय, इंदल राजभर, अजय राय, अर्जुन जयसवाल,अभिषेक राय, के अलावा बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।