Big news तुषार की सुरीली आवाज ने किया मंत्र मुग्ध
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तुषार की सुरीली आवाज ने किया मंत्र मुग्ध
रिपोर्ट ललित बिष्ट अल्मोड़ा
आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में जहां अधिकतर युवा तराई की तरफ जाकर रोजगार की तलाश करते है वहीं कुछ युवाओं ने पहाड़ की कठिन परिस्थितियों में रहकर ही पहाड़ में
कुछ कर गुजरने की ठानी है।
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ऐसी ही एक प्रतिभा से हम आज आपको मिलाने जा रहे है । अल्मोड़ा के द्वाराहाट कस्बे में रहने वाले तुषार मठपाल ने अपनी मखमली आवाज ये लोगों को अपना दीवाना बना रखा है।तुषार शास्त्रीय संगीत, पहाड़ी गानों के साथ साथ भजनों पर जब अपनी आवाज का जादू चलाते है तो आपको मंत्रमुग्ध कर देते है ।
बनारस घराने से संगीत की शिक्षा लेकर उन्होंने पहाड़ को ही अपनी कर्मभूमि बनाया है।
तुषार यही से देश के अलग अलग जगहों जैसे दिल्ली ,बनारस, जैसलमेर,ऋषिकेश जैसी जगहों में जाकर अपनी आवाज का जादू बिखेर रहे है।तुषार बताते है की वो पहाड़ के लगभग 40 बच्चो को संगीत भी सीखा चुके है।तुषार के गानों कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर भी लोगों के बीच सुर्खियां बटोर चुके है।
उनकी गायन की अपनी शैली है।जिससे वो हर तरह के गानों को नया कलेवर दे रहे है।
साथ ही तुषार अपने घर पर आध्यात्मिक ऊर्जा से जुड़े हुए लोगो के लिए एक खुबसूरत होम स्टे भी चला रहे है।जिससे उन्हें रोजगार का नया माध्यम भी मिल गया है । यहां विदेशों से पर्यटक आकर रुकते है।जिन्हे वो आध्यात्मिक ऊर्जा और पहाड़ी जीवनशैली के बारे बताते है।
आज यह होम स्टे पहाड़ में विदेशियों की पहली पसंद बनता जा रहा है।
आज जरूरत है पहाड़ में तुषार जैसे युवाओं की जो अपने हुनर को पहचाने बिना ही यहां की नकारात्मक ऊर्जा का शिकार हो जाते है और पहाड़ से पलायन कर जाते है।
उन सभी के लिए तुषार वाकई एक प्रेरणा स्रोत है।