अर्थव्यवस्था: अनुमान से ऊपर जाता विकास दर प्रो लल्लन प्रसाद
1 min readअर्थव्यवस्था: अनुमान से ऊपर जाता विकास दर
प्रो लल्लन प्रसाद
देश की सकल आय (जी डी पी) वर्तमान वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 8.4% बढ़ी है जो अब तक के सभी अनुमानों से ऊपर है। पूरे वित्त वर्ष में यह 7.6% तक जा सकती है जिसके लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष एवं एशियन डेवलपमेंट बैंक का अनुमान 6.7%, रेटिंग एजेंसी फिच का 6.9% एवं रिजर्व बैंक का 7% प्रतिशत वृद्धि का था। विकास दर की तेजी अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में हुई प्रगति परिलक्षित करती है। सकल आय 2013-14 के 13.45 लाख करोड रुपए से बढ़कर 27.2 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच चुकी है। भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी शक्ति बन गई है जो 2004 में बारहवें और 2014 में दसवें स्थान पर थी। खाद्यान्नों का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर है। 2023 – 24 में सर्दियों की गेहूं की पैदावार 112 मिलियन टन हुई जो पिछले वर्ष 110 मिलियन टन थी और गर्मियों में चावल की पैदावार का अनुमान 111 मिलियन टन है जो पिछले वर्ष की अपेक्षा 0.9% अधिक होगी। सर्दियों में बोयी गयी चावल की पैदावार 12.3 मिलियन टन अनुमानित है। रबी और खरीफ की गेहूं, चावल और बाकी सभी अनाजों की फसलों की कुल पैदावार 309 मिलियन टन अनुमानित है। अच्छी फसल अनाज की बढ़ती कीमतों पर रोक लगा सकती है, मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने में सहायक हो सकती है। औद्योगिक उत्पादन की माप का सूचकांक पी एम आई (पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स) फरवरी 2024 में 56.9 था जो पिछले 5 महीना में सबसे अधिक था। 50 से ऊपर का पी एम आई विकास का द्योतक है।
शेयर बाजार अर्थव्यवस्था की स्थिति का भी एक मापदंड है। फरवरी 2024 के आखिरी सप्ताह मे बी एस ई का सूचकांक 73000 और निफ्टी का 22000 के ऊपर था जो अब तक का रिकॉर्ड है। सबसे अधिक वृद्धि ऊर्जा, ऑटो, फार्मा, आई टी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में हुई। शेयर बाजार में तेजी का एक बड़ा कारण विदेशी और देसी संस्थागत निवेशकों की जमकर खरीदारी रही। मेक इन इंडिया का असर अब निवेश में दिखने लगा है। डिफेंस, मोबाइल, हार्डवेयर, फार्मा के बाद अब सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के लिए भी बड़ा निवेश आ रहा है। अभी तक भारत चिप्स के लिए अमेरिका, जापान और चीन पर निर्भर था, अब खुद सेमी कंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में बड़ा खिलाड़ी बनने जा रहा है। वैश्विक चिप्स कंपनियों से ढाई लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्तावित हो चुके हैं। विदेशी मुद्रा का भंडार 23 फरवरी 2024 को 619 अरब डॉलर पर था, अब तक का रिकॉर्ड स्तर 645 अरब डॉलर अक्टूबर 2021 का है। विदेशी मुद्रा भंडार में भारत विश्व का पांचवा सबसे बड़ा देश है।
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अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में पिछले कुछ वर्षों में अच्छी प्रगति हुई है। हाईवे का निर्माण जो 2014 में 12 किलोमीटर प्रतिदिन का था अब 28 किलोमीटर हो गया है। 2015 में देश में कुल 97830 किलोमीटर हाईवे थी जो 2023 में 145240 किलोमीटर हो गई है। इस बीच एयरपोर्ट्स की संख्या 74 से बढ़कर 149 हो चुकी है। 1.5 करोड़ से अधिक लोग अब हवाई यात्रा प्रतिवर्ष कर रहे हैं। सरकार का पूंजीगत खर्च 16% से बढ़कर 28 प्रतिशत पर पहुंच चुका है जो इंफ्रास्ट्रक्चर के तेजी से विकास में सहायक हुआ है। आधुनिक सुविधाओं से लैस वंदे भारत ट्रेनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, अगले कुछ वर्षों मे और तेज गति से चलने वाली 500 अमृत भारत ट्रेनें भी रेल की पटरियों पर दौड़ने लगेंगी। इंटरनेट सेवाएं देश के दूरदराज गांवों तक पहुंच चुकी हैं। भारत मोबाइल का विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरर बन गया है।
महा गरीबी का देश से खात्मा हो चुका है। अमेरिकी थिंक टैंक ब्रुकिंग की हाल में प्रकाशित रिपोर्ट में यह बात कही गई है। भारत में गरीब आबादी की संख्या दिनों दिन कम होती जा रही है। पहले 30 साल में इस दिशा में जो प्रगति होती थी वह पिछले 11 साल में हासिल की जा चुकी है। रिपोर्ट में घरेलू खपत में वृद्धि का हवाला दिया गया है। यह निष्पक्ष तरीके से योजनाओं को लागू करने की केन्द्र सरकार की मजबूत नीति का परिणाम है। राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (एन एस ओ) के एक ताजा अध्ययन के अनुसार देश में परिवारों का प्रति व्यक्ति मासिक घरेलू खर्च 2011-12 की तुलना में 2022-23 में दोगुना हो गया है। महंगाई दर भारत में अधिकांश देशों की अपेक्षा कम है किंतु खाद्य पदार्थों की महंगाई चिंता जनक है। बढ़ती आबादी के लिए नए रोजगार के स्रिजन में भी तेजी लाने की आवश्यकता है।