उद्योग और संस्थाओं के बीच प्रभावी समन्वय की आवश्यकता। संस्थाओं को उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुरूप अपने कैरिकुलम और संरचना को आकार देना होगा – राजशेखर जोशी, उपाध्यक्ष, सेतु आयोग
1 min read

देवभूमि उद्यमिता योजना के तहत मेगा स्टार्टअप समिट में छात्र उद्यमियों की शानदार प्रस्तुति
•उद्योग और संस्थाओं के बीच प्रभावी समन्वय की आवश्यकता। संस्थाओं को उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुरूप अपने कैरिकुलम और संरचना को आकार देना होगा – राजशेखर जोशी, उपाध्यक्ष, सेतु आयोग
• देवभूमि उद्यमिता योजना होगी राज्य के लिए एक गेमचेंजर योजना। अन्य विभागों के साथ भी समन्वय करने की आवश्यकता – श्रीमती राधा रतूड़ी, मुख्य सचिव
• जॉब और स्किल के गैप को पूरा करना संस्थाओं का दायित्व – डॉ. देवेन्द्र भसीन, उपाध्यक्ष, उच्च शिक्षा उन्नय समिति
• नवाचार राज्य और समाज के विकास के विकास के लिए अनिवार्य, युवाओं को इसके लिए आगे आना होगा – श्री आर के सुधांशु, प्रमुख सचिव, माननीय मुख्यमंत्री
• अवसरों की पहचान के लिए हमें निरंतर सीखने की प्रक्रिया से गुजरना होगा – डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा
• सफलता के लिए दृढ़ निश्चय आवश्यक है – प्रो. डीएस रावत, कुलपति कुमाउं विश्वविद्यालय
• एक मजबूत स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए देवभूमि उद्यमिता योजना के माध्यम से विभाग कर रहा निरंतर प्रयास – डॉ. अंजू अग्रवाल, निदेशक उच्च शिक्षा
• उद्यमिता के लिए आउट ऑफ बॉक्स थिंकिंग और रचनात्मका अनिवार्य – डॉ. अमित कुमार द्विवेदी
दो दिवसीय मेगा स्टार्टअप समिट का समापन, 600 से अधिक छात्रों ने किया प्रतिभाग
उच्च शिक्षा विभाग की अनूठी पहल – राज्य में पहली बार छात्र उद्यमियों के लिए स्टार्ट
अप-समिट
मेगा स्टार्टअप समिट के दूसरे और अंतिम दिन छात्र उद्यमियों की जोशपूर्ण भागीदारी, प्रेरक पैनल चर्चाएँ और समापन सत्र का आयोजन
देहरादून, 12 फरवरी 2025 – देवभूमि उद्यमिता योजना (DUY) के तहत आयोजित मेगा स्टार्टअप समिट के दूसरे और अंतिम दिन भी जबरदस्त जोश और उत्साह देखने को मिला। राज्यभर से आए 75 से अधिक छात्र उद्यमियों ने अपने उत्पादों और व्यवसायिक मॉडलों का प्रदर्शन किया, जिसे उच्च शिक्षण संस्थानों, निवेशकों और अन्य उद्योग जगत के विशेषज्ञों द्वारा सराहा गया।
मेगा स्टार्टअप समिट के पहले दिन मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने देवभूमि उद्यमिता योजना के तहत विकसित उत्पादों के वाल ऑफ प्रोडक्ट्स का उद्घाटन किया और छात्र उद्यमियों के स्टॉलों का दौरा कर उनके नवाचारों की प्रशंसा की। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अन्य विभागों को भी इस योजना के साथ जोड़ने पर बल दिया और कहा कि यह योजना राज्य के लिए एक गेमचेंजर योजना साबित होगी। प्रमुख सचिव, माननीय मुख्यमंत्री आर. के. सुधांशु, ने उच्च शिक्षा विभाग द्वारा संचालित देवभूमि उद्यमिता योजना की प्रशंसा की और छात्रों को पूरे उत्साह और उर्जा के साथ नवाचारी विचारों को बढ़ाते हुए उद्यमिता को अपनाने पर बल दिया। उत्तराखंड में बदलते उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र पर कहा, “राज्य में देवभूमि उद्यमिता योजना के माध्यम से जो परिवर्तन आ रहा है, वह युवा पीढ़ी को आत्मनिर्भर बनाने और स्टार्टअप संस्कृति को विकसित करने में सहायक सिद्ध हो रहा है।”
पैनल चर्चाएँ
मेगा स्टार्टअप समिट के दूसरे दिन तीन महत्वपूर्ण पैनल चर्चाएँ आयोजित की गईं। पहली पैनल चर्चा: “उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) आधारित उद्यमिता पाठ्यक्रम” पर चर्चा हुई। इस सत्र की अध्यक्षता प्रो. डी. एस. रावत, कुलपति, कुमाऊँ विश्वविद्यालय, नैनीताल ने की तथा इसको मॉडरेटर के रूप में सचिव उच्च शिक्षा डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने संचालित किया। इस सत्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति आधारित उद्यमिता के मॉड्यूल पर प्रस्तुति दी गयी जिसमें उच्च शिक्षण संस्थानों में उद्यमिता पाठ्यक्रम के प्रभाव और उसकी आवश्यकता पर चर्चा की गई। प्रो. डी. एस. रावत ने कहा कि हमें सफल होने के लिए दृढ़ निश्चय कर अपनी क्षमताओं के आधार पर कार्य करना होगा। उच्च शिक्षण संस्थानों में उद्यमिता पाठ्यक्रम लागू करने से छात्रों को नई संभावनाओं का पता लगाने और अपना व्यवसाय शुरू करने का प्रोत्साहन मिलेगा। यह राज्य की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
पैनल को मॉडरेट कर रहे डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा, “देवभूमि उद्यमिता योजना छात्रों को एक नई दिशा में आगे बढ़ने का अवसर दे रही है। उच्च शिक्षण संस्थानों को अब केवल अकादमिक ज्ञान तक सीमित नहीं रहकर नवाचार और उद्यमिता के केंद्रों के रूप में विकसित होना चाहिए।”
मेगा स्टार्टअप समिट के दौरान दूसरी पैनल चर्चा देवभूमि उद्यमिता योजना के अंतर्गत प्रशिक्षित और विकसित उद्यमों की सफलता की कहानी पर हुई। इस सत्र को डॉ. श्रुति बत्रा ने मॉडरेट किया। चर्चा में विभिन्न युवा उद्यमियों ने अपनी उद्यमिता यात्रा साझा की और बताया कि कैसे देवभूमि उद्यमिता योजना ने उनके उद्यम को शुरू करने और बढ़ावा देने में सहायता की।
समापन सत्र में डॉ. अंजू अग्रवाल, निदेशक उच्च शिक्षा ने कहा कि यह योजना उत्तराखंड में एक मजबूत स्टार्टअप इकोसिस्टम तैयार करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रही है।
उन्होंने उद्यमिता विकास के लिए संस्थानों को सशक्त बनाने” पर अपने विचार व्यक्त किए और कहा, “संस्थानों को अब शिक्षा के साथ-साथ रोजगार सृजन और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए भी काम करना होगा।” उच्च शिक्षा उन्नयन समिति के उपाध्यक्ष डॉ. देवेंद्र भसीन, ने “उच्च शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र में बदलाव” विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि आज का परिदृश्य बदल चुका है। अब उच्च शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि यह छात्रों को व्यावसायिक दृष्टिकोण से आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी अग्रसर कर रही है।
मेगा स्टार्टअप समिट के दूसरे और अंतिम दिन छात्रों, शिक्षाविदों और निवेशकों के बीच सार्थक संवाद हुआ। यह समिट उत्तराखंड में एक मजबूत उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल रही, जिसने छात्रों को उनके व्यावसायिक सपनों को साकार करने के लिए एक नई ऊर्जा और प्रेरणा दी।
कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर दीपक कुमार पांडेय ने किया। इस आयोजन में, उप सचिव, उच्च शिक्षा ब्योमकेश दुबे, अनु. सचिव, श्री दीपक कुमार, कुलपति, मुक्त विश्वविद्यालय, प्रो. ओ. पी. एस. नेगी, कुलपति एसएसजे विश्वविद्यालय प्रो. एस एस बिष्ट, प्रो. के डी पुरोहित, निदेशक तकनीकी शिक्षा देशराज, संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा, प्रो. ए एस उनियाल, मुकेश पांडेय, डॉ. एच सी पुरोहित, डॉ शैलेंद्र सिंह, राज्य के प्रमुख विश्वविद्यालयों के कुलपति, शिक्षाविद, महत्वपूर्ण उद्यमी, एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।