म्यूजियम के शोध पत्रों से प्रैक्टिकल तौर पर मिलता है नॉलेज :डॉक्टर दीपा अग्रवाल
1 min readम्यूजियम के शोध पत्रों से प्रैक्टिकल तौर पर मिलता है नॉलेज डॉक्टर दीपा अग्रवाल
लंढौरा l
कहा जाता है कि जितनी बेहतर तरीके से इंसान किसी भी कार्य की प्रैक्टिस करता है वह उस कार्य के लिए उतना ही निपुण बनता है इसके मद्देनजर महा विद्यालय के छात्राओं ने म्यूजियम के कई शोध पत्रों के बारे में जानकारी हासिल की।
चमन लाल महाविद्यालय में तकनीकी दिवस के उपलक्ष में आज वनस्पति विज्ञान विभाग ने छात्रों को वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून का शैक्षणिक भ्रमण कराया l जहां स्टूडेंट्स ने म्यूजियम में रखी फॉरेस्ट वुड का प्रयोग और कंजर्वेशन प्रोसेस का अध्ययन किया एवम प्लांट टिश्यू कल्चर एंड मॉलिक्यूलर जेनेटिक्स की लैब भी देखी l
वैज्ञानिक डॉ. शांभवी द्वारा प्लांट टिशू कल्चर मे किस प्रकार दुर्लभ एवं लुप्तप्राय पौधों को संरक्षित किया जा सकता है इस विषय पर भी प्रकाश डाला साथ ही इसी क्रम में बॉटनी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. ऋचा चौहान ने वन अनुसंधान भ्रमण के दौरान छात्र-छात्राओं को यहां की दुर्लभ प्रजाति के वृक्षों के विषय में प्रकाश डालते हुए बताया कि किस प्रकार इनसे हम आयुर्वेद में जड़ी बूटियां तैयार करते हैं और किस प्रकार यह हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद हैं
डॉ. मुहमद इरफान ने बताया की एजुकेशनल टूर स्टूडेंट्स के लिए बहुत उपयोगी है भविष्य में यह उनकी प्रतियोगिता में सहायक सिद्ध होगा l इस प्रकार के भ्रमण से छात्र-छात्राओं के अंदर एक वैज्ञानिक प्रतिभा का भी जन्म होता है तथा वैज्ञानिक सोच विकसित होती है l महाविद्यालय प्रबंध समिति श्री राम कुमार शर्मा ने समस्त छात्र छात्राओं को इस भ्रमण के लिए अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की और सुबह गाड़ी को हरी झंडी देकर रवाना किया l
इस अवसर पर महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. दीपा अग्रवाल ने बताया कि पर्यावरण के लिए इस प्रकार का शैक्षणिक भ्रमण, संपूर्ण मानव जाति के लिए उपयोगी सिद्ध होगा इससे हम पर्यावरण को अत्यंत गहराई से जान सकेंगे और उसके बचाव के लिए ठोस कदम भी उठा सकेंगे l इस मौके पर महाविद्यालय परिवार के समस्त शिक्षक एवं गैर शिक्षक कर्मचारियों ने भी अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की l