Big breaking नवजात शिशु के शव मिलने से सनसनी, सवालों के घेरे में स्वास्थ्य विभाग
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प्रतिबंधित जांचो की रोकथाम में स्वास्थ्य विभाग विफल, नदी नालों में मिल रहे नवजात शिशुओं के शव।
प्रदीप शुक्ला, धानेपुर, अलावल देवरिया
समाज में बढ़ती क्रूरता के कारण नवजात शिशुओ का शव नदी नालों में लावारिस पाये जाने की दर्दनाक घटनाएं मानवता को झकझोर देती हैं। कितना कठोर हृदय होता होगा उन लोगों का जो फूलों से कोमल नवजात शिशु को नदी नाले व झाड़ियों में फेंक देते हैं।
रविवार को गोंडा उतरौला मार्ग पर स्थित सोनबरसा पुल के नीचे एक नवजात शिशु का शव स्थानीय लोगों ने देखा तो हड़कम्प मच गया। नव जात का शव मिलने की सूचना पुलिस को दी गयी ।
उसके बाद धानेपुर थाना प्रभारी ब्रह्मानन्द सिंह अपनी टीम के साथ पहुंचे और शव को बाहर निकलवाने के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया, नवजात का शव मिलने से क्षेत्र में तरह तरह की चर्चाएं शुरू हो गयी हैं।
कुछ लोग का मानना है की पैथालॉजी सेंटरों पर भ्रूणजांच प्रतिबंधित होने के बावजूद चोरी छुपे जांच की जाती है उसी का परिणाम है कि ऐसे निर्ममता पूर्ण घटनाएं सामने आतीं है, दूसरी तरफ ये चर्चा भी सुनने को मिली की लोक लज्जा व समाज के भय से गर्भापात कराने वाले ही ऐसा क्रूर कृत्य कारित करते है। सबसे महत्वपूर्ण बात है। भ्रूण की जांच के लिए अल्ट्रासाउंड की जांच पर प्रतिबंध लगा रखा है ।
सरकारी गैर सरकारी हॉस्पिटल क्लीनक में बोर्ड लगाने के दिशा निर्देश है कि भ्रूण की जांच कराने पर प्रतिबंध है और अगर कोई नियमों का उल्लंघन करता है।
तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी मगर जिस जिस तरह से मामला देखने को मिला है ऐसे में सवाल उठना लाजम है कि आखिर क्या सरकार के नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है जो कि नवजात शिशु के शव मिलने से कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं ।
वजह कुछ भी लेकिन यह तो स्पष्ट है की समाज में बढ़ती क्रूरता ही ऐसी हृदय विदारक घटनाओं को जन्म देती है।